पत्रकार कॉपी-पेस्ट करके क्या साबित करना चाह रहे है?

 जवाबदेही @ इंदौर 

अखबार को देश का चौथा स्तंभ कहा जाता है, जिस पर देश के नागरिकों को विश्वास होता है, लेकिन मात्र सनसनी फैलाने वाले समाचार प्रकाशित कर कुछ अखबार विश्वसनीयता खोते जा रहे हैं...?  

जवाबदेही विगत 11 सालों से सच्चाई की कलम से भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्भीक और नीडर होकर अपनी बात रखता आया है और आज जब शहर के अखबारों ने इंदौर के प्रतिष्ठित व्यवसायी को लेकर झूठी और भ्रामक खबर प्रकाशित की तो जवाबदेही सामाजिक सरोकार के तहत चौथे स्तंभ की आंखें खोलना चाहता है कि ऐसी खबरें प्रकाशित ना करें और ऐसे पत्रकार जो सोशल मीडिया के भरोसे अखबारों में नौकरी कर रहे हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाए, क्योंकि ऐसे पत्रकारों की वजह से चौथा स्तंभ विश्वनीयता खो रहा है...?

दरअसल, 5 दिसंबर 2024 (बुधवार को) इंदौर के सांध्य दैनिक अखबार प्रभात किरण में एक समाचार सतगुरु डेवलपर्स पर इनकम टैक्स का छापा समाचार प्रकाशित किया गया।

प्रभात किरण में प्रकाशित समाचार में शहर के प्रतिष्ठित बिल्डर टिंकू भाटिया के घर और ऑफिस पर छापा मारने की बात लिखी गई, इसके साथ ही करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी करना लिखा गया और सतगुरु डेवलपर्स ग्रुप काला धन खपाने में बिट क्वाइन का उपयोग कर रहा है, जैसी मनगढ़ंत खबर बनाकर लिखी गई, जबकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। 

सतगुरु डेवलपर्स पर आयकर टीम पहुंची ही नहीं 

असल में प्रभात किरण में नौकरी करने वाला पत्रकार वकील भी है, लेकिन इस पत्रकार पर सोशल मीडिया का भूत इतना सवार है कि इसने सच्चाई जानना उचित नहीं समझा और सतगुरु डेवलपर्स पर इनकम टैक्स का छापा खबर झूठी प्रकाशित करवा दी...। अखबार के जिम्मेदारों ने भी उससे यह पूछना उचित नहीं समझा कि क्या ये खबर सच है? या किसी इनकम टैक्स अधिकारी ने बताया कि टिंकू भाटिया के घर-ऑफिस पर छापा डला है?


देश का नंबर-1  कहे जाने वाला अखबार दैनिक भास्कर ने भी झूठा नाम प्रकाशित किया

खुद को देश का नंबर-1 कहने वाला अखबार दैनिक भास्कर... झूठी और गलत खबर प्रकाशित कर रहा है। यहां पर नौकरी कर रहे रिपोर्टर ने कॉपी-पेस्ट का सहारा लिया और बिल्डर टिंकू भाटिया के घर-ऑफिस पर इनकम टैक्स का छापा खबर प्रकाशित की..., जबकि टिंकू भाटिया के यहां कोई छापा पड़ा ही नहीं।

... ताकि विश्वसनीयता बनी रहे

अखबार मालिकों को वाट्सअप और सोशल मीडिया के भरोसे नौकरी करने वाले पत्रकारों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना चाहिए... और बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए..., ताकि अखबार, जिसे हम चौथा स्तंभ कहते है, उस पर विश्वसनीयता बनी रही और कोई सवाल ना उठा सके?


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