मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आज मंगलवार को दूसरा दिन है। सदन में प्रश्नकाल के बाद आज नर्सिंग घोटाले पर चर्चा होगी। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने पक्ष और विपक्ष दोनों को सुनने के बाद सोमवार को नियम अनुसार नर्सिंग घोटाले पर चर्चा का आश्वासन दिया था। सदन में चर्चा के लिए विधानसभा की कार्यवाही के दौरान दो ध्यानाकर्षण सदन में होंगे। सदन में उमंग सिंघार ने मांग करते हुए कहा, तत्कालीन मंत्री विश्वास सारंग इस्तीफा दें। घोटाले की सर्वदलीय जांच कराई जाए। साथ ही जिन कर्मचारियों ने घोटाले कराए, उनको उपकृत किया, नर्स को आयुक्त तक बनाया गया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मंत्री का इस्तीफा होना चाहिए।
वहीं, मंत्री विश्वास सारंग बोले, कोई फाइल मंत्री तक नहीं आती। नर्सिंग कौंसिल करती है निर्णय। रजिस्ट्रार सुनीता शिजू कांग्रेस सरकार में अनुमति देती थी। सारंग बोले, कांग्रेस सरकार में दो-दो बार अनुमति जारी की गई। हेमंत कटरे बोले, सरकार को आरोप नहीं लगाना चाहिए। कार्रवाई करके दिखाना चाहिए। दोनों के समय की सीबीआई जांच करा लेनी चाहिए। विश्वास सारंग बोले, मलय कॉलेज को कांग्रेस के समय अनुमति जारी की गई। मेरे द्वारा नहीं जारी की गई। सारंग ने कहा, 453 कॉलेज कांग्रेस के समय जो थे। हमने रिफॉर्म करके हमें किसी छात्र के अन्याय नहीं किया। 453 कॉलेज में से 150 कॉलेज भौतिक सत्यापन में बंद किए। मलय कॉलेज भी उसी में बंद हुए।
प्रदेश के हजारों छात्रों को नहीं पता था, जिस कॉलेज में एडमिशन ले रहे हैं वो फर्जी है। नर्सिंग घोटाला के लिए नियम बदले गए। 2020-21 में सबसे ज्यादा नर्सिंग कॉलेज खोले गए। चार अधिकारी और मंत्री नर्सिंग कांउन्सलर चला रहे थे। काउंसिल चलाने का अधिकार नहीं है।
सिंघार ने कहा कि काउंसिल का कंट्रोल अवैध तरीके से लिया गया। सिंघार का आरोप, काउंसिल में धारा-31 का दुरुपयोग किया गया। जब नर्सिंग काउंसिल में घोटाला नहीं हुआ था तो धारा-31 के तहत काउंसिल को टेकओवर क्यों किया। कोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाई की मंत्री या विभाग की जांच नहीं हो सकती। इंडिया नर्सिंग काउंसिल की एमपी में धज्जियां उठा दी गई। मंत्री के संरक्षण के बिना घोटाला संभव नहीं है। कैलाश विजयवर्गीय ने उमंग सिंगार के आरोपों को सदन की कार्यवाही के विरुद्ध बताया। इस पर उमंग सिंगार ने कहा कि आरोप गलत साबित हुए तो नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ दूंगा।
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