मुंबई | मुंबई में एक अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जीवन के अंतिम समय में आखिरी सांस को बचाने के लिए मां ने अपने बेटे को इलाज के लिए हॉस्पिटल लेकर गए लेकिन डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. शव के पंचनामा के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के हवाले छोड़ दिया. दूसरे दिन सुबह जब परिवार के लोग शव लेने हॉस्पिटल गए तो शव देखकर परिजनों के होश उड़ गए. शव को रात के दौरान चूहों ने नाक, माथे, गुप्तांग और शरीर के अन्य हिस्सों को कुतर दिया था.

पुलिस सूत्रों के अनुसार 38 वर्षीय सचिन मदन काकरे ने रविवार रात अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी. मृतक काकरे दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करता था. आत्महत्या की घटना के समय वह घर पर अकेला था. उसकी पत्नी दोनों बच्चे (8 और 5 साल) के साथ विरार स्थित अपने मायके गई हुई थी.

काकरे का छोटा भाई विजय और मां तुलसा मृतक के घर के ठीक पीछे रहते थे. रात करीब 11:30 बजे मां तुलसा काकरे से मिलने गईं और देखा कि काकरे का शव घर की छत पर लगे बाम्बू से लटक रहा है. बेटे को फांसी पर लटकता देख मां चिल्लाई और पड़ोसियों की मदद से शव को नीचे उतारा. इलाज के लिए तुरंत शताब्दी अस्पताल ले गए. छोटे भाई विजय ने बताया कि डॉक्टर ने जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया.

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