ग्वालियर | अयोध्या में भगवान राम के आगमन को लेकर तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। 22 जनवरी को रामलला के मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होने जा रहा है। उससे पहले अयोध्या स्थित महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर महर्षि वाल्मीकि की 15 लाख कीमत की प्रतिमा लगने जा रही है। इस प्रतिमा में महर्षि वाल्मीकि रामायण लिखते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह मूर्ति महान शिल्पकार प्रभात राय ने ग्वालियर में तैयार की है जो शनिवार को अयोध्या पहुंच चुकी है।
30 दिन में की तैयार 6 फीट चौड़ी और 7 फीट लंबी मूर्ति
मूर्तिकार प्रभात राय ने बताया कि 6 फीट चौड़ी और 7 फीट ऊंची महर्षि वाल्मीकि मूर्ति 30 दिन में तैयार की गई। 30 दिन पहले उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग से अष्टधातु की मूर्ति बनाने का ऑर्डर मिला था। एक माह तीस कलाकारों ने दिन रात काम किया तब जाकर यह मूर्ति तैयार की जा सकी। पिछले एक माह से कड़ाके की ठंड है, तापमान 6 से 7 डिग्री बना हुआ है। इस तापमान में अलाव जलाकर कलाकार दिन रात काम करते रहे तब जाकर आर्डर पूरा हुआ है। यह मूर्ति 1100 किलो वजनी अष्टधातु से निर्मित मूर्ति अयोध्या पहुंच चुकी है। इन अष्टधातु में कॉपर, लेड, टीन ,आयरन, सिलिकान, जिंक, एंटीमोनी और कैंडमियम शामिल है।
एक साल पहले भगवान राम की मूर्ति बनाकर भेजी गई थी
मूर्तिकार प्रभात राय बताते हैं कि एक साल पहले अयोध्या के लिए वह भगवान राम की मूर्ति बनाकर भेज चुके है। यह मूर्ति 6 फीट लंबी है और यह फाइबर की बनी हुई है। इस मूर्ति को बनाने में दो महीने का वक्त लगा और इस मूर्ति को बनाने में करीब एक लाख 80 हजार रुपये का खर्च आया था।
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