मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में महाकाल लोक की तर्ज पर भव्य शनि लोक बनाया जा रहा है. त्रेता युगीन रिठौरा के ऐंती पर्वत पर इस लोक को विकसित किया जाएगा. इस मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी उन्हीं आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा, उनके बेटे निखिल आशीष सोमपुरा को दी गई है, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया है. शनि लोक के निर्माण की शुरूआत इसके दरवाजे से की गई है.
शनि मंदिर के महंत शिवराम दास त्यागी ने बताया कि शनि लोक के भव्य और आकर्षक दरवाजे का डिजाइन तैयार हो चुका है. यहां पहुंची आर्केटेक्ट की टीम ने इसका काम भी शुरू कर दिया है. टीम ने जगह का मौका मुआयना कर लिया है. इस धाम में कई तरह की व्यवस्थाएं विकसित की जाएंगी. यहां आने वाले भक्त शनिदेव की महिमा को जान सकेंगे. बता दें, प्रदेश सरकार ने जिले के ऐंती स्थित मंदिर को शनि लोक बनाने की योजना बनाई थी.
मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना ने बताया कि इस योजना के तहत शनि मंदिर परिसर में कई काम होने हैं. अयोध्या राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो गया है. वहां काम कर रहे कई कारीगर कार्य से मुक्त हो चुके हैं. इनमें से 8 कारीगर शनि मंदिर पर पहुंच चुके हैं. उन्होंने जगह का निरीक्षण कर काम शुरू कर दिया है. इस शनि मंदिर के प्रवेश द्वार के लिए राजस्थान के भरतपुर से हर तीन दिन में पत्थर की खेप आएगी. भरतपुर का पत्थर ही अयोध्या के राम मंदिर में लगा है. शनि मंदिर के तोरण द्वार के निर्माण पर 1 करोड़ 76 लाख रुपए के खर्च का आंकलन किया गया है.
रिठौरा कलां के पूर्व सरपंच सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि शनि मंदिर के ठीक सामने यह प्रवेश द्वार बनाया जा रहा है. इसके अलावा मंदिर के पास ही शनि सरोवर बनेगा. इसमें 12 महीने स्वच्छ पानी की व्यवस्था रहेगी. शनि पहाड़ी की चारों ओर पक्की सड़क और आध्यात्मिक अनूभुति कराने वाला करीब चार किलोमीटर लंबा परिक्रमा मार्ग बनाया जाएगा.
मंदिर परिसर में बने अन्य मंदिरों का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा. ग्वालियर एयरपोर्ट से शनि मंदिर तक टू-लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा मंदिर तक ग्वालियर, मुरैना, नूराबाद व बानमोर से जाने वाली सड़कें भी बनवाई जाएंगी. शनि मंदिर परिसर में शुरुआत में सप्तऋषि की 7 मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. इसका ऑर्डर दीपक विश्वकर्मा को मिला है. ये मूर्तियां मिंट स्टोन से बनाई जाएंगीं. ये स्टोन विश्व विख्यात है. परिक्रमा में लगने वाली मूर्तियां भी मिंट स्टोन से बनाई जाएंगी.
ऐंती स्थित शनि मंदिर की बड़ी महिमा है. बताया जाता है कि यह मंदिर त्रेता युग का हैं. इतिहास में प्रमाण है कि इस मंदिर का जीर्णोद्धार सम्राट विक्रमादित्य ने कराया था. मंदिर के बाहर लगे शिलालेख में उल्लेख है कि मंदिर की व्यवस्था के लिए दौलतराव सिंधिया ने मंदिर को जागीर भेंट की थी. मंदिर परिसर में रखी शिला का ही एक हिस्सा औरंगाबाद के एक भक्त अपने साथ ले गए थे. यहीं से शिला का यह हिस्सा औरंगाबाद से शनि शिंगणापुर पहुंचा.
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