ब्यावरा | बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की दरकार जिले के सबसे बड़े शहर और विस क्षेत्र ब्यावरा को रही है। तीन प्रमुख नेशनल हाइवे के संगम पर बसे ब्यावरा में ट्रॉमा सेंटर खोले जाने की मांग लंबे समय से उठती रही है। मतदाताओं की नई सरकार और नए विधायक से प्रमुख रूप से ये ही अपेक्षा है कि प्राथमिकता से यह काम कराया जाए। लोगों को उम्मीद है कि नए विधायक इन पर खरे उतर पाएंगे।

समुचित विकास की श्रेणी में ट्रॉमा सेंटर, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं आदि की दरकार है। बीते सालों में 30 से 100 बेड का अस्पताल ब्यावरा में बन गया लेकिन सुविधाएं उस हिसाब से नहीं है। इसी अस्पताल पर सुठालिया और मलावर क्षेत्र की जनता जुड़ी है। यहां के छोटे सीएचसी, पीएचसी सेंटर ब्यावरा पर ही निर्भर है। ऐसे में सर्वाधिक जरूरत यहां सर्व सुविधायुक्त ट्रॉमा सेंटर की है।

यह अगर बनता है तो बड़ी सुविधा स्थानीय नागरिकों को मिलेगी, साथ ही बाहर से आने-जाने वालों और इमरजेंसी, एक्सीडेंटल केसेस का निपटारा किया जा सकेगा। बीते कुछ सालों में विधायकों ने इसकी मांग जरूर रखी लेकिन प्रयास नाकाफी रहे, इसी कारण यहां यह अहम मांग पूरी नहीं हो पाई और अभी भी अपेक्षित है।

 इसलिए जरूरी है ट्रामा सेंटर 

तीन प्रमुख हाइवे के संगम स्थल ब्यावरा में न सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी अधिक रहती है बल्कि यहां एक्सीडेंटल केसेस भी सर्वाधिक रहते हैं। यहां मलावर, सुठालिया और आस-पास के अन्य तमाम कस्बों से भी केसेस रेफर होकर आते हैं। ऐसी स्थिति में ट्रॉमा सेंटर और मेडिकल फैसिलिटी की सर्वाधिक आस है। मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा की उम्मीद नये विधायक से की जा रही है।

 कमजोर प्रयास के आगे आज भी बेबस जनता 

हालांकि अस्पताल चालू होने के बाद काफी हद तक सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया गया लेकिन जनप्रतिनिधियों के कमजोर प्रयासों के चलते इसे रफ्तार नहीं मिल पाई। मांगें उठाकर जिम्मेदार भूल गए, विस में याद नहीं दिलवाई गई। इसी कारण यह अहम मुद्दा दबा रह गया। लोग परेशान होते रहे, इमरजेंसीस केसेस में परेशानी आती रही लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। प्रयासों में कमी रहने के कारण हर बार यह मामला टलता रहा है।

 मतदाता बोले- पुराने ढर्रे से नहीं नई सोच के साथ करें क्षेत्र का विकास 

शहर में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की दरकार है, इसके लिए मशीनरी, संसाधन सरकारी महकमे को मिलना चाहिए। ट्रॉमा सेंटर एक सबसे बड़ी जरूरत क्षेत्र की है। आए दिन बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए योजना बनाकर इस दिशा में काम करने की यहां जरूरत है।

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