पूर्वाग्रह और हठाग्रह से जीवन नर्क बन जाता

 

इंदौर | परस्पर विवादों को पूर्वाग्रह और हठाग्रह को त्याग कर संवादों के माध्यम से ही सुलझाये जा सकते है उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि कमलेश ने अमीषा पटवा की मासखमण तप अभिनंदन समारोह को संबोधित करते कहा कि टकराव से तनाव पैदा होता है वही अशांति और हिंसा का मूल कारण है

उन्होंने कहा कि स्वार्थ और अहंकार का त्याग के बिना कोई भी समस्या का समाधान निकालना असंभव है संबंधों में कड़वाहट और खटास आ जाए इससे जीवन जीना दुष्कर हो जाता है। मुनि कमलेश ने बताया कि हिंसा के मार्ग पर चलकर कोई भी देश तरक्की के मार्ग पर नहीं जा सकता कोई भी धर्म हिंसा की इजाजत नहीं देता।  

जैन संत ने बताया कि वर्तमान समय मे युद्ध के भय से लोग दहशत के कारण शारीरिक और मानसिक व असाध्य रोगों के शिकार होते हैं परिवार उजड़ जाते हैं मासूम बच्चे और माता बहने भी इसका शिकार हो जाते हैं। श्रावक संघ ट्रस्ट महावीर भवन की और से एवं अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली की ओर से तपस्वी अमिषा पटवा की मासखमंण तपस्या की अनुमोदना हेतु चोवीसी कार्यक्रम आयोजित किया गया श्राविका संघ, आदर्श ज्योति बहु मंडल ने तपस्वी का सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन प्रकाश भटेवरा ने किया।

 

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