इंदौर| इंदौर में अभी तक सामान चोरी के मामले आपने सुने
होंगे। लेकिन इंदौर में वन विभाग के अधीन राला मंडल पहाड़ी के नज़दीक बनी सीड प्रोसेसिंग
लैब ही ग़ायब हो गई। लैब की जगह अय्याशी का अड्डा बन गया। जहां बीजों के अंकुरण की
बात होना थी वहां शराब की बॉटलें और ताश के पत्ते पड़े हैं। जहां रिसर्च होना था वहाँ
दारू पार्टी होती है। दीवारों पर दीमक लग गई है। लेकिन इस सब से वन विभाग के अफ़सर
खुद को अनजान बता रहे हैं।
इंदौर वन विभाग के अधीन राला मंडल पहाड़ी के नज़दीक सीड प्रोसेसिंग लैब बनी है। कोरोना काल के पहले जैव विविधता बोर्ड भोपाल ने सीड प्रोसेसिंग लैब बनाने के लिए 55 लाख रुपया दिया था। वन विभाग ने लैब बना दी।
लैब में एयर कंडीशनर, डीप फ्रीजर, कई उपकरण, फ़र्नीचर लगवा दिए। फिर कोरोना काल आ गया। और उसके बाद जब सब सामान्य हुआ और जिंदगी पटरी पर लौटी, काम करने का वक्त आया तो देखा लैब का सामान ग़ायब है। कुछ सामान चौकिदार की झोपड़ी में रखा है बाकी गायब है।लैब में लगाए गए लाखों रूपए के उपकरण कहां गए किसी को भी पता नहीं।
भोपाल स्थित जैव विविधता बोर्ड ने पौधों के बीजों को तैयार करने के लिए ये लैब बनवाई थी। वन विभाग ने इसे बनाने के लिए अपने परिसर में ज़मीन दी थी। लेकिन अब शराब की बॉटलें, ताश के पत्तों और आपत्तिजनक सामग्री लैब में बिखरी रहती है। रिसर्च की जगह अब पार्टियों ने ले ली है।
Post a Comment