इंदौर। मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन की तैयारी तेजी से चल रही है। शुक्रवार को गांधीनगर ​डिपो के मेंटेनेंस यार्ड में एल्सटॉम व मप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की टीमें अपने-अपने मोर्चों पर पहुंच गईं। सबसे पहले तीनों कोच की पॉलिथीन हटाकर इन्हें यार्ड में अलाइन किया। इसके बाद शुरू हुआ तीनों कोच के तार जोड़ने का सिलसिला। पीले रंग की मेट्रो के कोच की बॉडी चमचमाते स्टील से बनी है। यह पूरी तरह रस्ट प्रूफ व सुरक्षित पॉलिश से लैस है।

कोच जोड़ने में ही सबसे ज्यादा समय लगेगा

कड़ी सुरक्षा के साथ कोच कनेक्ट करने का काम कर रहे इंजीनियर बताते हैं, सबसे पहले कोच के इलेक्ट्रिक व ब्रेकिंग सिस्टम को जोड़ना शुरू किया है। इसके बाद ऑपरेशन, एआई और सिग्नल सिस्टम का काम शुरू होगा। तीनों कोच को जोड़ने में ही समय लगेगा।

इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्राॉनिक्स और सिग्नल प्रणाली के बीच समन्वय करके यह काम करना होता है। प्रयास कर रहे हैं कि 10 सितंबर तक तकनीकी काम पूरे हो जाएं। ट्रायल ड्राइवर के साथ होगा। ऑटोमैटिक संचालन सिग्नल सिस्टम बनने के बाद किया जाएगा। इंदौर मेट्रो ड्राइवर लेस तो है ही, इसके फंक्शन ऑटोमैटिक होंगे। संचालन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगा।

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