इंदौर। इंदौर के द्वारकापुरी में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां नेग के रुपए नहीं देने पर नकली किन्नर पालतू बिल्ली उठाकर ले गए। विदेशी नस्ल की इस बिल्ली को परिवार ने 20 हजार रुपए में खरीदा था। परिवार ने इस मामले में पुलिस से शिकायत कर दी है। परिवार ने किन्नरों के वीडियो औ फोटो भी पुलिस को सौंपे हैं।

मामला सूर्यदेव नगर का है। यहां रहने वाली रूचिका गडकर ने बताया कि उनकी बहन उज्जैन में रहती है। बहन ने उज्जैन में कुछ दिन पहले बेटे को जन्म दिया था। इसके बाद उसे मुहूर्त देखकर इंदौर ले आए थे। सोमवार को किन्नर नेग मांगने हमारे घर पहुंचे। पहले तो काफी देर तक ढोलक बजाई, गीत गाए और नाच गाना भी किया।

जब नेग की बात आई तो वे 21 हजार रुपए मांगने लगे। हमने इंकार कर दिया। कहा बच्चा तो यहां मेहमान है। उसका परिवार तो उज्जैन में रहता है। इस बात को किन्नर समझने को तैयार नहीं थे। कुछ देर बाद वे इसे लेकर बहस करने लगे। किन्नरों ने विवाद भी किया। आखिर में परिवार ने ढाई हजार रुपए का नेग दिया। लेकिन किन्नर इस पर नहीं माने।

रूचिका ने कहा कि हमारे पास नगद पैसे नहीं थे। हमने उन्हें पेटीएम से पेमेंट किया है। हमारे कहने पर एक किन्नर ने मोबाइल निकालकर क्यूआर कोड स्कैन करने को दिया था। उसी पर स्कैन करके हमने ढाई हजार रुपए का पेमेंट किया। जाते समय वे ढाई हजार रुपए के साथ घर की पालतू बिल्ली को उठाकर चले गए।

परिवार ने पूरी घटना का वीडियो बनाया और पुलिस को सौंप दिया है। मंगलवार को परिवार ने द्वारकापुरी थाने पहुंचकर केस दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने परिवार से कहा कि फिलहाल आवेदन दे दीजिए। टीआई ब्रजेश कुमार मालवीय ने बताया मामला मेरी जानकारी में नहीं आया है।

परिवार का कहना था कि किन्नर हमारे घर आने से पहले एक अन्य घर भी गए थे। यहां से उन्होंने 21 हजार रुपए का नेग लिया। इस मामले में नंदलाल पुरा स्थित किन्नरों ने कहा है कि नकली किन्नर लूटपाट करते हैं। वे सुनसान इलाकों में जाकर इसी तरह की वारदातें करते हैं।

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