ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित जीवाजी विश्वविद्यालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब NSUI के छात्र नेताओं ने पूरे कार्यालयों के बाहर भ्रष्ट कुलपति और भ्रष्टाचार से संबंधित नारे लिख दिए। कुलपति चेंबर के बाहर गलियारों में काले रंग के स्प्रे से NSUI के नेताओं ने भ्रष्ट कुलपति, भ्रष्ट परीक्षा नियंत्रक, भ्रष्ट कुलसचिव और भ्रष्ट कुलाधिपति सचिव के नारे लिखे।
NSUI के छात्र
नेता वंश माहेश्वरी के नेतृत्व में छह से ज्यादा छात्रों ने विश्वविद्यालय के गलियारों
में कुलपति को भ्रष्ट बताते हुए उससे संबंधित पोस्टर लगाए। इस दौरान उनका सुरक्षाकर्मियों
से विवाद भी हुआ। हाथापाई के बीच कुछ पोस्टर सुरक्षाकर्मियों द्वारा फाड़ भी दिए गए।
खास बात यह है कि जिस समय यह पूरा घटनाक्रम चल रहा था, उस समय कुलपति अविनाश तिवारी,
कुलसचिव आरके बघेल, परीक्षा नियंत्रक एके शर्मा और कुलपति के सचिव डीएन गोस्वामी अपने-अपने
कार्यालयों में भीतर बैठे हुए थे। लेकिन किसी ने भी बाहर आकर इन छात्रों से बात नहीं
की और न ही उन्हें ऐसा कृत्य करने से रोका।
NSUI के छात्र नेता वंश माहेश्वरी
का कहना है, कि प्रोफेसर अविनाश तिवारी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का
गढ़ बन गया है। यहां हर छोटे से बड़ा काम बिना भ्रष्टाचार के नहीं होता है। उन्होंने
बताया कि हाल ही में 400 महाविद्यालयों को नियम विरुद्ध तरीका अपनाकर विश्वविद्यालय
की संबद्धता प्रदान की गई है। जबकि यूजीसी के परिनियम के मुताबिक यह कॉलेज न्यूनतम
अहर्ताएं भी पूरी नहीं करते हैं। बावजूद इसके भ्रष्ट आचरण के चलते इन कॅालेजों को जीवाजी
विश्वविद्यालय की मान्यता प्रदान की गई है। कई बार ज्ञापन देने के बाद भी विश्वविद्यालय
प्रशासन कोई भी प्रभावी कदम भ्रष्टाचार रोकने के लिए नहीं उठा रहा है। जिसके चलते
NSUI को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
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