नई दिल्ली। पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर को लेकर आईबी की तरफ से किए गए कई खुलासे उसके भारत में मौजूदगी पर संदेह पैदा कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक उसके पाकिस्तान या देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंधों की पुष्टि करने वाला कोई सबूत नहीं मिला है। मगर कुछ ऐसे चौंकाने वाले खुसाने सामने आए हैं जिसके बाद सीमा हैदर की भारत में मौजूदगी संदिग्ध हो जाती है। आईबी को शक है कि सीमा हैदर उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर रही है। सीमा हैदर के मामले में आईबी को गहरी जानकारी मिली है। आईबी के खुलासे में उस तीसरे शख्स का जिक्र है जिसकी मदद से सीमा को भारतीय बॉर्डर के अंदर दाखिला करवाया गया था। आईबी के मुताबिक उसका मेकअप और ड्रेसअप इस कदर किया गया था जिससे वह पूरी तरह से भारतीय महिला लगे। इसके लिए प्रोफेशनल की मदद भी ली गई थी। ऐसा बताया जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए सीमा ने अपने बच्चों को भी इस कदर ही ड्रेसअप करवाया था।

रिपोर्ट्स की मानें तो जैसा हुलिया सीमा ने बनाया था इस तरह का गेटअप महिलाएं नेपाल-भारत सीमा पर जिस्मफरोशी रैकेट या ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल होने और लोगों की नजरों से बचने के लिए करती हैं। जांच के दौरान सीमा हैदर को नोएडा स्थित सचिन के गांव तक पहुंचाने में मदद करने वालों की पहचान नहीं हो पाई है। एटीएस को यह भी पता चला कि उसने कुछ सैन्य अधिकारियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा था। भारत आने से पहले सीमा ने पाकिस्तान में करीब 70,000 पाकिस्तानी रुपये में एक मोबाइल फोन खरीदा था, जिसकी जानकारी उसने पूछताछ के दौरान एटीएस को दी। एटीएस ने उससे यह भी पूछा कि क्या उसे फोन पर मैसेज और चैट करते समय सतर्क रहने की सलाह दी गई थी।

खुफिया कोड वर्ड का इस्तेमाल?

पूछताछ के दौरान एक और महत्वपूर्ण खुलासा यह हुआ कि एटीएस ने सीमा हैदर से इस बारे में पूछताछ की कि क्या वह कोड वर्ड का इस्तेमाल करती थी। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की कोड वर्ड भाषा में 'फूफी' का मतलब उस व्यक्ति से है जो आईएसआई को अपने देश से जुड़ी जानकारी मुहैया कराता है। दूसरी ओर, कोड वर्ड 'फल' का उपयोग पैसे के संदर्भ में किया जाता है। जब एटीएस ने उससे इन कोड वर्ड के इस्तेमाल के बारे में पूछा तो सीमा ने इन शब्दों के बारे में कोई जानकारी होने या पाकिस्तान में इसके इस्तेमाल से इनकार कर दिया।

फर्राटेदार हिंदी में कर रही है बात

हालांकि, सीमा के कई बयानों ने संदेह पैदा कर दिया है क्योंकि वह धाराप्रवाह हिंदी में बातचीत करती हैं और कठिन हिंदी शब्दों का उपयोग करती हैं जिन्हें औपचारिक शिक्षा के बिना जानना लगभग असंभव है। सीमा हैदर ने पूछताछ के दौरान 8 मई का अपना मोबाइल फोन बिल दिखाया और उसी दिन उसके लिए पासपोर्ट जारी कर दिया गया। इसके ठीक दो दिन बाद 10 मई को सीमा ने पाकिस्तान छोड़ दिया। जांच जारी है, और एजेंसियां ​​सीमा हैदर के दावों के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं।

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