इंदौर। रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत उज्जैन जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में दो वर्षों में कुल 356 करोड़ के कार्य कराए जाएंगे। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि नए कार्यों से आगामी दस वर्षों की बिजली वितरण व्यवस्था सुदृढ़ीकृत होगी।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि नए ग्रिड, क्षमता वृद्धि, नए वितरण ट्रांसफार्मर, अंडर ग्राउंड केबल, केपेसिटर बैंक, मिक्स फीडर का विभक्तिकरण, पुराने कंडक्टर (तारों) की बजाए ज्यादा क्षमता के नए तार लगाने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर प्रारंभ किया गया है।

प्रबंध निदेशक तोमर ने बताया 30 करोड़ की लागत से जिले में 33/11 केवी के अत्याधुनिक तकनीक के 12 ग्रिड बनाए जाएंगे। 110 स्थानों पर 17 करोड़ की लागत से केपेसिटर बैंक लगाए जाएंगे। 36 करोड़ की लागत से 171 स्थानों पर 33/11 केवी के मौजूदा ग्रिडों का नवीनीकरण होगा। 66 करोड़ की लागत से 1290 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।

प्रबंध निदेशक ने बताया कि फीडरों का विभक्तिकरण, 16 किमी क्षेत्र में अंडर ग्रांउड केबल लाइन डाली जाएगी, चुनिंदा क्षेत्र में बिजली के ओवरहेड तारों से मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा देहात के मिक्स वितरण ट्रांसफार्मरों को अलग किया जाएगा। 1200 किमी क्षेत्र में केबलीकरण समेत अन्य कार्य भी किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र के मिक्स फीडरों का विभक्तिकरण किया जाएगा।

अब कृषि की बिजली के लिए शत प्रतिशत पृथक फीडर होंगे, अन्य उपय़ोग के लिए अलग से फीडर होंगे। प्रबंध निदेशक तोमर ने बताया कि उज्जैन के अधीक्षण यंत्री पीएस चौहान को आरडीएसएस के लिए नोडल अधिकारी नामित किया गया है।

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