मैं कभी आपके अच्छे कामों से जाना जाता हूं, तो कभी मुझ पर आपकी वजह से आरोप भी लगते रहे हैं। आपने मुझे देशभर में स्वच्छ शहर बनाया है, मेरा कद और मान बढ़ाया है, लेकिन मुझे ‘उड़ते इंदौर’ के जख्म भी आप ही दे रहो हो। क्या मैंने कभी कहा कि बेटियों रातजगा करो और पैग लगाओ, सिगरेट के छल्ले उड़ाओ, लिव इन में रहो, गर्भपात कराओ.., लेकिन इन समाज विरोधी गतिविधियों के आरोप भी मुझ पर लगाए जा रहे हैं। मैंने कभी आपसे कुछ नहीं मांगा। आप ही मुझे अच्छा और बुरा बनाते जा रहे हो। क्या मैंने आपसे कभी कहा कि रात में भी जागो और हुड़दंग मचाओ..., मैंने तो हमेशा संस्कृति और परंपराओं को देखा है, लेकिन अब नशेबाज युवक-युवतियों के झुंड शाम से लेकर रात तक मुझे बदनाम कर रहे हैं...। मेरी सुरक्षा करने वाले ही वसूलीबाज हो गए हैं। अपराधों में शामिल हो रहे हैं, ऐसा कृत्य कर रहे हैं, जिससे लोग आत्महत्या तक कर रहे हैं..., और बदनामी मेरे सिर पर आ रही है। मुझे संवारने की जिम्मेदारी जिन पर है वो हर गली, सड़क और चौराहों पर मुझे नोंच-खरोंच रहे हैं, इस वजह से किसी के अपने दम तोड़ रहे हैं और इसका दोष भी मुझ पर लग रहा है। जिन्हें ये जवाबदेही दी गई है कि वो लोगों का आवागमन सुचारू रूप से चले इसके लिए ट्रैफिक व्यवस्था सुधारें, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता सड़क पर दिखाई पड़ती है, क्योंकि उन्हें दिखाई ही नहीं देता.... कोई वाहन चालक रेड सिग्नल पर जंप कर रहा है तो तोई हादसे में मारा जा रहा है..., और इसका दोष भी मुझ पर ही मढ़ा जा रहा है। शहर में अवैध कब्जे मेरी देख-रेख करने वालों की वजह से ही हो रहे हैं..., कोई फुटपाथ पर अपने वाहन खड़े कर रहा है तो कोई व्यापार कर रहा है। इन सबको श्रेय देने वाले पैसा कमाने में लगे हैं और समय-समय पर बैठकें कर सिर्फ चिंता करते हैं कि परेशानियों को दूर कैसे किया जाए..., जबकि परेशानी इनकी ही पैदा की हुई हैं...और दोषी मुझे करार दिया जाता है। आप भी जानते हैं कि मेरे 8 बेटे हैं, सबसे बड़ा बेटा सांसद और 7 बेटे मेरे विधायक हैं, जिनकी जिम्मेदारी हैं कि वो मेरी रक्षा करें, लेकिन मेरे ये बेटे मुझे ही बेचने में लगे हैं और संपत्ति बना रहा हैं, जबकि इन्हें मैंने बहुत कुछ दिया है और अब इन्हें संपत्ति की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन मरे जा रहे हैं धन कमाने में। मेरी प्रजा ने इन पर भरोसा किया है, लेकिन ये प्रजा की रक्षा ही नहीं कर पा रहे हैं। मेरी प्रजा नशे की गिरफ्त में इनकी वजह से ही जा रही हैं क्योंकि ये कानून के रखवालों पर सख्ती नहीं कर पाते, क्योंकि जिस तरह से युवक-युवतियां नशा कर रहे हैं, उससे स्पष्ट दिखता है कि बेखौफ होकर नशा बेचा जा रहा है और बदनामी मेरी ही हो रही है। पूरे प्रदेश से माता-पिता बच्चों को मेरे भरोसे पर पढ़ाई के लिए भेज रहे हैं, लेकिन छात्र-छात्राएं यहां रहकर पढ़ाई तो नहीं कर रहे हैं, बल्कि बिगड़ रहे हैं। कोई सड़क पर बाहों में बाहें डालकर बारिश में नाच रहा है, रील बना रहा हैं..., ऐसा भी नहीं हैं कि उनके माता-पिता ने वीडियो नहीं देखा होगा..., लेकिन आधुनिकता इतनी हावी हो चुकी हैं कि उन्हें किसी बात की शर्म नहीं है। वीडियो सोशल मीडिया सहित टीवी चैनलों पर भी दिखाया जा रहा है... और ऊंगली मुझ पर ही उठ रही है कि वहां जाकर बचै्चे बिगड़ रहे हैं, क्या मैंने कहा फुहड़ता करने के लिए।

मैं गौरवशाली रहा हूं, परंपराओं और संस्कृति से जुड़ा हूं...मेरी सुरक्षा, रक्षा करना आपका ही दायित्व है..., कहावत भी है कि बद से बूरा बदनाम होता है... तो कृपया मेरे सिर पर बदनामी का ठीकरा मत फोड़ो...

- आपका इंदौर

 

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