उज्जैन। उज्जैन में शनिवार सुबह लोकायुक्त टीम महाकाल लोक पहुंची। यहां उन्होंने इंची टेप से प्रतिमाओं को नापा, साथ ही प्रतिमा के ऊपर के स्थान पर पहुंचकर नापतोल की। फोटो खींचे, वीडियो बनाए और दो से तीन घंटे मेहनत करने के बाद प्रत्येक प्रतिमा की जानकारी लिखकर अधिकारी भोपाल के लिए रवाना हो गए।
लोकायुक्त के
प्रमुख अभियंता एनएस जौहरी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम प्रकरण नंबर 0036/ई/2023-24
के मामले में जांच करने उज्जैन आई। यहां उन्होंने इंची टेप से इन प्रतिमाओं को नापने
के बाद प्रतिमाओं के ऊपरी भाग तक पहुंचकर इसकी मजबूती को देखा, दो से तीन घंटे तक चली
इस जांच में महाकाल लोक के प्रत्येक प्रतिमा की जानकारी लिखी गई और इन प्रतिमाओं के
फोटो वीडियो भी बनाए गए। इस जांच के दौरान लोकायुक्त के अधिकारी कुछ भी कहने से बचते
रहे, उन्होंने सिर्फ और सिर्फ अपना काम किया और जानकारी जुटाने के बाद भोपाल के लिए
रवाना हो गए। याद रहे कि इस प्रकरण के साथ ही लोकायुक्त की टीम विधायक महेश परमार द्वारा
की गई शिकायत की जांच भी कर रही है। टीम के अन्य सदस्यों में कार्यपालन और अधीक्षण
यंत्री स्तर के अधिकारी शामिल रहे।
दस्तावेज पेश करने के लिए मांगा था 26 जून तक का समय
बताया जाता है कि महाकाल लोक में गिरी प्रतिमाओं के बाद लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता ने स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों से कुछ दस्तावेज मांगे थे। लेकिन उस समय इंजीनियरों के पास सभी दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे, जिसके लिए उन्होंने लोकायुक्त जस्टिस से 26 जून तक का समय मांगा था।
महाकाल लोक के मामले में लोकायुक्त द्वारा की जा रही जांच से खलबली मची हुई है। इस मामले में विधायक महेश परमार और लक्ष्मण सिंह द्वारा की गई शिकायत तो पहले से ही पेंडिंग पड़ी हुई है। वहीं, अब इस मामले को सुलझाने के लिए लोकायुक्त के मुख्य अभियंता एनएस जौहरी ने स्मार्ट सिटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर को चिट्ठी लिखकर यह जानकारी मांग ली है कि मूर्तियों का टेंडर, एग्रीमेंट और वर्क आर्डर की मूल प्रति उपलब्ध करवाई जाए। इसके साथ ही टेंडर बुलाने से लेकर इसकी मंजूरी काम पूरा कैसे किया गया, बिल पेमेंट कैसे हुआ और काम की मौजूदा स्थिति क्या है, आदि के बारे में भी संपूर्ण दस्तावेज मांगे गए हैं।
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