उज्जैन। उज्जैन की जीवनधारा शिप्रा नदी में केमिकल बहाने वालों पर प्रशासन सख्ती शुरू कर दी है। ग्राम रलायता में पानी में केमिकल छोड़े जाने की शिकायत पर प्रशासन ने टीन के गोदाम को जेसीबी द्वारा तोड़ दिया गया है। साथ ही शेड के अन्दर स्थित भूमिगत पाईप लाइन को भी तोड़ दिया गया है।

ये कार्रवाई उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मार्गदर्शन में एसडीएम घट्टिया धीरेंद्र पाराशर के नेतृत्व में ग्राम रलायता की सर्वे नम्बर 164/2 पर बने गोदाम पर की गई। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले शिप्रा नदी में केमिकलयुक्त पानी छोड़े जाने की शिकायत समीप के ग्रामवासियों द्वारा की गई थी। उनके मवेशियों को इससे काफी क्षति पहुंची थी। इस शिकायत पर प्रशासन की ओर से उक्त स्थान का मौका निरीक्षण कर कठोर कार्रवाई की गई। साथ ही उक्त भूमि के स्वामी दिनेश पिता रमेश शर्मा, कमल पिता गणपतराव गोखले और मनिंदर सिंह पिता हरवंश सिंह के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि मौके पर टीन शेड से होकर भूमिगत पाइप लाइन नदी किनारे तक स्थित है। टीन शेड के अंदर रखे भूसे में से लगभग 200-250 फीट लम्बा और लगभग 5 से 6 इंच गोलाई का पाइप जिसके अंदर किसी प्रकार का कोई रसायन स्थित गीला पाया गया। टीन शेड के अंदर स्थित भूमिगत पाइप के मुंह से लकड़ी डाली गई, जिससे लकड़ी किसी रसायन से भीगी हुई निकली। उक्त सर्वे नम्बर में एक डीजल टैंक स्थित पाया गया। मौके पर ग्रामवासियों द्वारा बताया गया कि पाइप लाइन से नदी में किसी प्रकार का कोई हानिकारक रसायन छोड़ा गया, जिस कारण से गांव में जीव-जन्तु और मवेशी के पानी से सम्पर्क में आने पर उनके शरीर की चमड़ी गल गई और निकल रही है। मौके पर नदी प्रवाह की दिशा में नदी किनारे की घास जली हुई पाई गई। इस दौरान मौके पर अपर तहसीलदार टप्पा पानबिहार तहसील घट्टिया मोहम्मद इरशाद एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।

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