उज्जैन। श्रावण मास के दौरान महाकाल मंदिर में नई दर्शन व्यवस्था में यदि कोई वीवीआईपी आता है तो उसे प्रोटोकॉल के जरिए निर्माल्य गेट से प्रवेश देकर अंदर ले जाकर दर्शन कराएंगे। 250 रुपये की टिकट लेकर दर्शन करने वाले श्रद्धालु चार नंबर गेट से प्रवेश कर दर्शन कर सकेंगे।

यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने अमर उजाला को देते हुए बताया कि इस बार श्रावण में अधिक भीड़ होगी। क्योंकि श्रावण में अधिकमास भी आ रहा है। इसलिए दो श्रावण होंगे और 60 दिन से अधिक पर्व चलेगा। इसको ध्यान में रखते हुए ही दर्शन की व्यवस्था बनाई जा रही है। निर्गम सभी श्रद्धालुओं का जूना महाकाल तरफ से ही रहेगा।

कुछ ऐसी रहेगी बाबा महाकाल की दर्शन व्यवस्था

सामान्य दर्शनार्थी पहले महाकाल लोक में जाएंगे। यहां से मानसरोवर बिल्डिंग में होकर नए फैसिलिटी-2 और पुराने फैसिलिटी से होते हुए नई टनल अथवा टनल की छत से कार्तिक मंडप होकर दर्शन करेंगे।

250 रुपये की टिकट लेकर श्रद्धालु बड़े गणेश मंदिर के सामने से होकर चार नंबर गेट से अंदर विश्राम धाम घूमकर नीचे सभा मंडप होते हुए गणेश मंडप से दर्शन के बाद निर्गम करेंगे।

प्रोटोकॉल के जरिए आने वाले वीआईपी श्रद्धालु गेट नंबर एक यानी महाकाल प्रशासनिक कार्यालय के सामने से मंदिर में प्रवेश कर दर्शन कर सकेंगे।

राज्य या केंद्र शासन के प्रोटोकॉल आदि से आने वाले वीवीआईपी को निर्माल्य गेट से सीधे मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।

बिना पंजीयन के चलित भस्मारती के कर सकेंगे दर्शन

आम श्रद्धालु भस्मारती मे पूर्व से बिना पंजीयन कराए भी बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। चार जुलाई से चलित भस्मारती की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु कतार में लगकर भस्मारती के दर्शन लाभ ले सकेंगे। उन्हें आरती के दौरान मंदिर में बैठने और रुकने की अनुमति नहीं रहेगी। प्रवेश के बाद वे दर्शन करते हुए बाहर निकल जाएंगे।

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