सतना। सतना जिले के चित्रकूट में स्थित हनुमानधारा में दर्शनार्थी रोज की तरह रोपवे से ऊपर और नीचे जा-आ रहे थे। तभी अचानक रोपवे में खराबी आ गई और ट्रालियां बीच में रुक गईं। रोपवे खराब होने से दर्शनार्थी हवा में लटक गए। इसकी सूचना पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची और जवानों ने हवा में झूल रही ट्रालियों से यात्रियों को नीचे सकुशल उतारा।

यह दृश्य शुक्रवार को हनुमान धारा में एनडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सतना द्वारा रोपवे आपात स्थिति में बचाव के लिए किए गए संयुक्त मॉक अभ्यास का था। इस दौरान एसडीएम मझगवां जीतेन्द्र वर्मा सहित राजस्व, पुलिस, वन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद रहे।

जिले में मैहर और चित्रकूट में रोपवे का संचालन होता है। इसे देखते हुए रोप-वे में आपात स्थितियां आने पर किस तरह से बचाव अभियान चलाया जाए, इसे लेकर एनडीआरएफ ने बचाव अभियान का अभ्यास किया। अभ्यास में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के लोग भी शामिल रहे, ताकि वे तत्काल आपात स्थिति में मदद उपलब्ध करा सकें। इस दौरान रोपवे में फंसी ट्रालियों में बैठे लोगों तक पहुंचना, उन्हें शांत करना, सकुशल नीचे उतारना, चिकित्सकीय मदद देना आदि का अभ्यास किया गया।

यह मॉकड्रिल उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में उप कमांडेंट प्रेम कुमार पासवान के नेतृत्व में की गई। पूरी मॉकड्रिल ’इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम’ के तहत आयोजित की गई। इससे आपसी समन्वय और तैयारियों का स्तर और ऊंचा उठाने में सहयोग मिला तथा सभी विभागों को इस प्रकार की आपात स्थितियों के दौरान अपनी-अपनी भूमिका का पता चला। इस दौरान आपदा के प्रभाव को कम करने की संभावना पर विशेष ध्यान दिया गया। इस पर बल दिया गया कि सबके बेहतर तालमेल से ही आपदा प्रबंधन के कार्य को आसानी से किया जा सकता है। ड्रिल में एनडीआरएफ की 35 सदस्यीय टीम शामिल हुई।

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