दमोह। मां दुर्गा का वाहन शेर है, जिस पर मां सवार होती हैं। बुंदेलखंड के दमोह जिले में मातारानी के यही वाहन नृत्य करते हैं। बता दें साल की दोनों नवरात्र में बुंदेलखंड में शेर नृत्य की परंपरा निभाई जाती है। इसमें युवा और बच्चे शेर की तरह वेशभूषा पहनकर नृत्य करते हैं। चैत की नवरात्र में यह शेर नृत्य छोटे रूप में होता है लेकिन कुंवार की नवरात्रि में यह आयोजन काफी बड़े स्तर पर होता है, जिसमे बड़े बड़े नेता भी यह शेर नृत्य देखने आते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि इस नृत्य से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। दमोह जिले के जबेरा ब्लॉक के बनवार के दरवाजे मोहल्ले में चैत्र नवरात्र में दुर्गा प्रतिमा रखकर पूजन अर्चन करने की परंपरा है। आज भी यहां शेर नृत्य की सदियों पुरानी परंपरा चली आ रही है। इसमें दुर्गा प्रतिमा के सामने बच्चे और युवा शेर बनकर माता रानी को प्रसन्न करने के लिए नृत्य करते हैं। पंडित ऋषिकांत गर्ग ने बताया कि ऐसा माना जाता है माता रानी शेर की सवारी करती हैं इसलिए शेर नृत्य माता को जल्दी प्रसन्न करने के लिए किया जा सकता है।

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