उज्जैन। उज्जैन के शासकीय विधि कॉलेज में नकल रोकने पर एक असिस्टेंट प्रोफेसर की पिटाई कर दी गई। कॉलेज कैंपस में नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें लात-घूंसों से पीटा। साथी प्रोफेसर और महिला प्राचार्य उन्हें बचाने के लिए हमलावरों से भिड़ गए। प्राचार्य की हमलावरों से झूमाझटकी हुई, इसके बाद वे भाग निकले। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनका जुलूस निकाला।
विधि कॉलेज
में बुधवार को पेपर चल रहे थे। असिस्टेंट प्रोफेसर ईश्वर नारायण शर्मा ने कुछ छात्रों
को एग्जाम हॉल में मोबाइल ले जाने से मना किया। इससे वे नाराज हो गए। परीक्षा के बाद
घर जाते समय उन पर हमला हो गया। उनके साथी प्रोफेसर और प्राचार्य अरुणा सेठी ने बीचबचाव
किया। घटना मंगलवार शाम की है। ईश्वर नारायण शर्मा ने नागझिरी थाने में शिकायत दर्ज
कराई है।
पुलिस ने बुधवार
देर रात हमले के आरोपी सौरभ पिता सुधीर नागर निवासी ऋषिनगर और राहुल पिता भारत सिंह
सोलंकी निवासी सुदर्शननगर को गिरफ्तार कर लिया है। थाना प्रभारी विक्रम सिंह इवने ने
बताया कि आरोपी गलतफहमी में मारपीट करना बता रहे हैं। हालांकि, घटना की वजह कॉलेज में
घुसने से रोकना मालूम हो रही है। पकड़े गए आरोपियों के पंवासा और नानाखेड़ा थाने में
एक-एक आपराधिक रिकॉर्ड है। ये प्राइवेट फाइनेंस कंपनी में वसूली का काम करते हैं।
पूरी कहानी
एक्टिवा को
रोककर मुझे नीचे गिरा दिया
मैं ईश्वर नारायण
शर्मा शासकीय विधि महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हूं। विधि महाविद्यालय
में परीक्षा चल रही थी। उस समय बाहरी लोग अंदर आने की कोशिश कर रहे थे। पुलिसवालों
को बोलकर उन्हें बाहर करवा दिया। मैं और मेरे साथी प्रोफेसर व प्राचार्य अरुणा सेठी
परीक्षा के बाद घर जा रहे थे, तभी कॉलेज कैंपस में दो लोग मुंह पर कपड़ा बांधे हुए आए।
उन्होंने मेरी एक्टिवा को सामने से रोक लिया और अपशब्द कहते हुए मुझे लात-घूसे मारने
लगे। मुझे गाड़ी सहित नीचे गिरा दिया।
गिराने के बाद
उन दोनों ने पैरों से मेरे चेहरे पर वार किए। दाहिनी आंख, मुंह और सिर में चोट लगी।
साथी प्रो. हर्षवर्धन यादव, देवेंद्र प्रतापसिंह, असीमकुमार शर्मा, कलीम अहमद खान,
प्राचार्य अरुणा सेठी ने बीचबचाव किया, तो दोनों ने मेरे साथी प्रोफेसरों को बोला तुम
बीच में बोलोगो तो तुम्हें भी मारेंगे। इसके बाद अपनी बाइक से भाग गए।
घटना की बड़ी
वजह
कॉलेज में न
कैमरे न स्थायी सुरक्षा के इंतजाम
असिस्टेंट प्रो. शर्मा ने बताया
कि एलएलबी फर्स्ट सेमेस्टर का पेपर था। मंगलवार दोपहर 3 से 6 बजे के दौरान गेट पर एंट्री
के लिए खड़ा था। इसी दौरान पांच से छह बाहरी युवकों के हाथ में मोबाइल थे। ये परीक्षा
गेट से अंदर आ गए थे, इन्हें बाहर कराया। इसके बाद परीक्षा में एक छात्र नकल कर रहा
था, उसे रोका। वॉशरूम पहुंचा तो तीन-चार लड़के किताब के पेज फाड़ रहे थे, उनसे किताब
छीन ली। वे बोले कि किताब वापस दो। मैंने किताब बाहर फेंक दी। बहुत खराब स्थिति थी,
वे कुछ भी कर सकते थे। मारपीट करने वालों को पहली बार ही देखा, ये वे लोग हो सकते हैं,
जिनके परिचितों को मैंने नकल करने से रोका। पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं।
इंदौर की घटना से सबक लेना चाहिए। कॉलेज में सीसीटीवी और स्थायी सुरक्षा गार्ड तक नहीं
है।
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