श्योपुर। कूनाे नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों में से 4 साल की मादा चीता साशा की मौत हो गई है। वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थी। नामीबिया से 17 सितंबर को 8 चीतों को लाया गया था। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाड़े में रिलीज किया था। इनमें साशा भी शामिल थी। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों की दूसरी खेप कूनो लाई गई थी। मादा चीता साशा का कूनो पार्क में ही पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। अंतिम संस्कार भी यहीं होगा।
सुबह मिला शव
वन विभाग के
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी जेएन कंसोटिया ने बताया कि फीमेल चीते का शव सोमवार सुबह मिला
है, लेकिन उसकी मौत कब हुई, यह फिलहाल नहीं बताया जा सकता है। भोपाल से फॉरेस्ट और
वेटरनरी डॉक्टरों की एक टीम कूनो पहुंच गई है।
भारत लाए जाने
से पहले से थी किडनी की बीमारी
वन विभाग ने
एक बयान जारी कर बताया कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में साशा का ब्लड टेस्ट किया गया
था, जिसमें क्रियेटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा था। इससे ये पुष्टि होती है कि साशा
को किडनी की बीमारी भारत में लाने से पहले ही थी। कूनो में 22 जनवरी को डॉक्टरों के
दल ने साशा को डेली मॉनिटरिंग के दौरान सुस्त पाया था।
वेटरनरी डॉक्टरों
ने मेडिकल जांच करने के बाद रिपोर्ट दी थी कि उसे इलाज की जरूरत है। उसी दिन उसे क्वारैंटाइन
बाड़े में लाया गया। इस दौरान उसका ब्लड सैंपल भी लिया गया। टेस्ट वन विहार राष्ट्रीय
उद्यान की लैब में किया गया था। इसकी रिपोर्ट के आधार पर तत्काल भोपाल से एक दल पोर्टेबल
अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ कूनो राष्ट्रीय उद्यान भेजा गया था।
कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े
के कम्पार्टमेंट नंबर-5 में पिछले साल 28 नवंबर को तीन मादा चीता सवाना, साशा और सियाया
को छोड़ा गया था। तीनों मादा चीता एक साथ ही कम्पार्टमेंट में रहकर शिकार भी कर रही
थीं।
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