इंदौर। इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज में कोरोना सहित अन्य सभी तरह के वायरस के अलग-अलग वैरिएंट की जांच के लिए पहुंची जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन दो महीने बाद भी शुरू नहीं हो सकी। मशीन स्थापित हो चुकी है। विशेषज्ञ आकर ट्रायल भी ले चुके हैं लेकिन जांच के लिए जरूरी केमिकल इंदौर पहुंचे ही नहीं। मेडिकल कालेज के डाक्टरों को अब तक इस मशीन की ट्रेनिंग नहीं दी गई है, ऐसे में यह मशीन कब चालू होगी, यह स्पष्ट नहीं है।
किसी भी तरह के वायरस में अलग-अलग
वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन से जांच की जाती है। इंदौर में
फिलहाल किसी भी शासकीय अस्पताल में इस जांच की व्यवस्था नहीं है। यही वजह है कि कोरोना
के अलग-अलग वैरिएंट का पता लगाने के लिए वर्तमान में सैंपल भोपाल भेजना पड़ रहे हैं।
वैरिएंट का पता इंदौर में ही लग सके इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल पर इंदौर
के एमजीएम मेडिकल कालेज को जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन उपलब्ध करवाई गई है। यह मशीन नवंबर
के दूसरे पखवाड़े में इंदौर पहुंच चुकी थी।
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