सीहोर। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में स्थित कुबेरेश्वर धाम में पंडित प्रदीप मिश्रा शिव कथावाचन के साथ ही अभिमंत्रित रुद्राक्ष भी बांट रहे हैं। बेकाबू भीड़ को देखते हुए गुरुवार को करीब 12 बजे से रुद्राक्ष वितरण रोक दिया गया है। आज यानि शुक्रवार को रुद्राक्ष वितरण के दूसरे दिन भी इसे बंद ही रखा गया है। गुरुवार को कुबेरेश्वर धाम में भीड़ अनियंत्रित हो गई थी, जिससे भगदड़ जैसे हालात बन गए थे, वहीं महाराष्ट्र की एक महिला की मौत भी हो गई थी।
10 लाख लोग
पहुंचे
रुद्राक्ष पाने
की ख्वाहिश लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 10 लाख लोग इस वक्त कुबेरेश्वर धाम
पहुंचे हैं। बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने के चलते यहां हालात बेकाबू हो गए हैं।
प्रशासन ने 10 लाख लोगों के यहां पहुंचने की तैयारी की थी, लेकिन लगातार आ रही भीड़
के चलते प्रशासन यहां व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संभाल नहीं पा रहा है। कुबेरेश्वर धाम
में 16 फरवरी से 22 फरवरी तक रुद्राक्ष वितरण और शिव कथा का आयोजन होना था, लेकिन फिलहाल
बढ़ती भीड़ को देखते हुए रुद्राक्ष वितरण बंद कर दिया गया है। सीहोर जिले में हालात
ये हैं कि स्टेशन से लेकर बस स्टैंड तक और कुबेरेश्वर धाम के आस-पास के क्षेत्र में
पैर रखने तक की जगह नहीं है। वहीं, भोपाल-इंदौर हाईवे पर गुरुवार सुबह से ही कई किमी
लंबा जाम लगा है। गुरुवार को देर रात करीब 15 किमी का जाम लगा रहा। जाम में बड़ी संख्या
में कुबेरेश्वर धाम पहुंचने वाले श्रद्धालु शामिल थे।
चार लाख रुद्राक्ष
बांटे गए
रुद्राक्ष वितरण
16 फरवरी से होना था, लेकिन 15 फरवरी को ही करीब एक लाख लोग रुद्राक्ष पाने के लिए
कुबेरेश्वर धाम पहुंच गए थे, जिसके बाद समिति ने एक दिन पहले से ही रुद्राक्ष बांटना
शुरू कर दिया था। 15 फरवरी को करीब एक लाख रुद्राक्ष बांटे गए थे। वहीं गुरुवार को
रुद्राक्ष वितरण बंद होने से पहले करीब साढ़े तीन लाख रुद्राक्ष बांटने की बात कही
गई है। दो दिनों में करीब चार लाख से ज्यादा रुद्राक्ष बांटे जाने का दावा किया जा
रहा है।
श्रद्धालुओं
ने की तोड़फोड़
रुद्राक्ष लेने के लिए देश के
अलग-अलग शहरों से लोग काफी दिक्कतों का सामना करते हुए कुबेरेश्वर धाम पहुंचे हैं।
गुरुवार को ही उम्मीद से ज्यादा लोग पहुंच गए और व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई। ऐसे में रुद्राक्ष
नहीं मिल पाने से आक्रोशित श्रद्धालुओं ने वहां बनाए गए 32 काउंटरों में तोडफ़ोड़ कर
दी, वहीं व्यवस्था के लिए लगाई गई बल्लियां भी उखाड़ फेंकी। कई घंटों तक लाइन में लगे
रहने के चलते करीब सात हजार लोगों की तबीयत खराब हो गई, जिन्हें कुबेरेश्वर धाम में
बनाए गए स्वास्थ्य शिविर के अलावा जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
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