शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल में रविवार को बच्चे को गर्म सलाखों से दागने का तीसरा मामला सामने आया है। इससे पहले पिछले सप्ताह में जहां बच्चों को दागने की दो घटनाएं सामने आईं थी। उनमें दोनों मासूमों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। आदिवासी बाहुल्य जिला शहडोल में अंधविश्वास के कारण बच्चों में गर्म सलाखों से दागने की प्रथा मासूमों के लिए काल बनी हुई है।
सिंहपुर खंड
चिकित्सा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कोदवार कला का रहने वाला है नत्थू कोल। उसके 20
दिन के बेटे शाहिल कोल के पेट में करीब 15 बार गर्म सलाखों से दागा गया। इससे उसके
शरीर पर इसके निशान दिखाई पड़ रहे हैं। जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य अमला वहां पहुंचा
और समझाते हुए बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करने को कहा। ताकि उसका
समुचित उपचार हो सके।
काफी समझाने के बाद परिजन सोमवार
को बच्चे को अस्पताल ले जाने की बात पर राजी हुए। बच्चे की हालत फिलहाल सामान्य है।
लेकिन दागने की इस कुप्रथा पर अंकुश लगाना अब प्रशासन के लिए बेहद जरूरी हो गया है।
नहीं तो इसी तरह मासूमों को अंधविश्वास की बलि चढ़ाया जाता रहेगा।
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