देश में पनप रहे सपोलों को मार गिराना जरूरी

जगजीतसिंह भाटिया
प्रधान संपादक

बॉर्डर पर जिस तरह दुश्मनों को मार गिराया जाता है, ठीक उसी प्रकार देश के भीतर जो गुंडे पनप रहे हैं और लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है, ऐसे गुंडों को क्यों छोड़ा जा रहा है। प्रदेश क्या और देश क्या सभी जगह एक जैसे हालात है। हमारी सेना बॉर्डर पर दुश्मनों से लोहा ले रही है, लेकिन देश में रह रहे गुंडे-बदमाश देश को कमजोर करते जा रहे हैं। पुलिस को भी सेना जैसा बनना होगा और इन गुंडों को दुश्मनों जैसा निपटाना होगा। कोई वसूली के लिए लोगों डरा-धमका रहा है तो कोई नशा बेचकर युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है। कोई देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया जा रहा है तो कोई जिहाद के लिए काम कर रहा है। दिन-दहाड़े युवतियों के साथ छेड़खानी की जा रही है, तो कई जगह दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही है। पुलिस प्रशासन अपना काम कर रहा है, लेकिन अपराधी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अपराधी जेल से छूटने के बाद फिर अपराध कर रहे हैं। ये लोग समाज के दुश्मन हैं, जब तक एनकाउंटर में इनको मार गिराएगी नहीं, तब तक ये सपोले सिर उठाते रहेंगे। गुंडे सिर्फ मार से बचने के लिए गिड़गिड़ाते है और कहते है कि हम अपराध नहीं करेंगे और पुलिस हमारी बाप है..., लेकिन हकीकत इसके परे हैं। जब तक बदमाशों में मौत का डर नहीं होगा, तब तक अपराध खत्म नहीं होंगे। कहते है कि अपराधी से नहीं अपराध से घृणा करो तो..., वहीं, यदि किताबी बातों को ध्यान में रख अपराधियों की अनदेखी की जाती रही तो हालात कभी नहीं सुधरने वाले। कुछ दिनों पहले इंदौर सहित पूरे देश में कई जगह फिल्म पठान का विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान इंदौर का एक वीडियो जारी हुआ, जिसके तहत इंदौर जलाने तक की बातें कही गई। बाद में आरोपी पकड़ा गया और माफी मांगकर भाईचारे से रहने की बातें करने लगा। इसके साथ कई और भी बदमाश शामिल थे, जिन पर पुलिस की कार्रवाई हुई। इसके बाद फिर एक दुखद घटना सामने आई, जो कि महू के नजदीक पिगडंबर की है, 4 करोड़ की फिरौती को लेकर यहां के कांग्रेस नेता के 8 साल के भतीजे का अपहरण कर हत्या कर दी गई। इन बदमाशों ने एक मासूम की जान ले ली है। ऐसे लोग समाज के ही दुश्मन हैं...। पुलिस कमिश्नरी का गुंडों पर पर कोई खौफ नहीं नजर आता, इसके पीछे के कारणों को पुलिस को ही समझना होगा! कि आखिर क्यों गुंडे कानून को ताक में रखकर अपराध करते हैं? वहीं, हकीकत यह भी है कि जब तक देश के भीतर रहकर सिर उठाने वाले सपोलों को मार गिराया नहीं जाता, तब तक अराजकता खत्म नहीं हो सकती। यदि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश में फिर से अपनी सरकार बनानी है तो जनहित में कुछ निर्णय लेना होंगे। पहला ये कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी ने पुलिस को फ्री हेंड दे रखा है और वह गुंडों का सफाया करते जा रही है, ठीक उसी तरह मप्र पुलिस को फ्रींड हेंड करना होगा, क्योंकि मप्र में यूपी के गुंडों की तरह शुरुआत हो चुकी है और गुंडे फिरौती मांग कर हत्या तक कर रहे हैं। दूसरा यह कि यूपी की तरह मप्र में भी पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम कर देना चाहिए। वहीं, तीसरा यह कि जो आबकारी नीति यूपी में लागू है वो मप्र में लागू कर देना चाहिए, जिससे कि म.प्र. में शराब नीति को लेकर होने वाले विवाद थमेंगे। इन तीनों नीतियों को यदि शिवराज सिंह चौहान अपनाते हैं तो जनता को भी राहत मिलेगी और मप्र में फिर शिवराज सरकार आने से कोई नहीं रोक सकता।


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