बालाघाट। अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले पूर्व मंत्री और मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन का एक वीडियो वायरल हो गया है। इसमें वह बालाघाट आरटीओ को न केवल गाली दे रहे हैं, बल्कि यह भी कह रहे हैं कि 'फांसी पर चढ़ा दूंगा।'
यह वीडियो बालाघाट
के लालबर्रा थाने का बताया जा रहा है। इसमें बिसेन ने पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों
को आड़े हाथों लिया। उन्होंने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाल को सैकड़ों लोगों
की मौजूदगी में हरामखोर तक कह डाला। गढ़पाल खुद अनुसूचित जनजाति से आते हैं, इस वजह
से मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने सवाल उठाया है कि बिसेन के खिलाफ
एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज क्यों नहीं हुआ है?
75% चालक बिना
लाइसेंस ट्रैक्टर चला रहे हैं
बिसेन ने जिले
में हो रहे सड़क हादसों को लेकर परिवहन अधिकारियों पर निसाना साधा। उन्होंने कहा कि
बालाघाट विधानसभा में 75 प्रतिशत चालक बिना लायसेंस के ट्रैक्टर चला रहे हैं। बस ड्राइवरों
की हालत भी खराब हैं। ऐसे अधिकारी जो ध्यान नहीं दे रहा हैं, इसके लिए परिवहन मंत्री
को फोन कर और पत्र लिखकर ट्रांसफर करने को कहा है। पुलिस विभाग भी ध्यान नहीं दे रहा
है। सिर्फ सुबह से रोड़ और चौक पर निकलकर पर्ची काटने लगते हैं। अपनी जेबें भर रहे
हैं।
राज्य सरकार
को भी दे चुके हैं चेतावनी
यह पहला मौका
नहीं है जब बिसेन का कोई विवादित बयान सामने आया है। हाल ही में छिंदवाड़ा दौरे पर
बिसेन ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि राशन दुकानों में एक हफ्ते में गेहूं का
आवंटन नहीं हुआ तो वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिकायत करेंगे।
कांग्रेस ने
कहा- एट्रोसिटी एक्ट के तहत दर्ज हो केस
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा
ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता गौरीशंकर बिसेन यानी अभद्रता के पर्याय हैं! जनजाति
के एक अधिकारी के खिलाफ उन्होंने जिस शब्दावली का सार्वजनिक मंच से उपयोग किया है,
क्या उनके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होगी? अपमानित अधिकारी से आग्रह
है कि वे अपने सम्मान के लिए FIR कराएं।
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