छतरपुर। छतरपुर जिले में नाबालिग साली के साथ दुष्कर्म करने वाले जीजा को 20 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही 10 हजार रुपये के अर्थदंड/जुर्माना से दंडित किया गया है। मामले में प्रवेश अहिरवार डीपीओ ने बताया गया कि थाना गढीमलहरा में आरोपी राजाराम अनुरागी (24) पिता स्वर्गीय लक्ष्मण अनुरागी, निवासी खगरया मुहल्ला महाराजपुर थाना गढीमलहरा अपनी साली के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में दोषी पाते हुए चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश छतरपुर ने चार जनवरी को धारा 376, 376 (3) IPC में 20 साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। मामले में सशक्त पैरवी प्रवेश अहिरवार जिला अभियोजन अधिकारी प्रवेश अहिरवार की ओर से की गई थी।
यह ही पूरा
मामला...
छतरपुर जिला
अभियोजन अधिकारी प्रवेश अहिरवार ने बताया, 23 दिसंबर 2021 को प्रसूति वार्ड जिला अस्पताल
छतरपुर में पीड़िता ने रिपोर्ट लिखाई कि उसके माता-पिता दिल्ली में मजदूरी करते हैं
और उसकी छोटी बहन उसके भाई के साथ रहती थी। उसकी दो बड़ी बहनों की शादी एक ही घर में
हुई थी। आरोपी जीजा उसके गांव में अक्सर आया जाया करता था। आज से लगभग नौ महीने पहले
उसका जीजा उसके पास आया, जब वह घर में अकेली थी तो उसके साथ जबरन गलत काम किया और वह
गर्भवती हो गई, जिसका उसे आभास होने लगा था। परंतु डर के कारण उसने किसी को कुछ नहीं
बताया।
पीड़िता ने
बच्ची को जन्म दिया...
22 दिसंबर
2021 को रात लगभग एक बजे उसके पेट में दर्द हुआ और उसने बच्ची को जन्म दिया। बच्ची
के रोने की आवाज से वह डर गई तो उसकी छोटी बहन भाभी को बुला लाई। भाभी ने उसे और उसकी
बच्ची को घर में अंदर लिटा दिया, फिर उसने सुबह मोबाइल से सारी बात अपनी मां को बताई।
शाम लगभग सात बजे पुलिस वाले आए, जिन्होंने उसे 108 वाहन से बच्ची के साथ उसे, उसकी
भाभी, बड़े पापा के साथ इलाज कराने जिला अस्पताल छतरपुर भेज दिया।
मामले में रिपोर्ट पर थाना गढीमलहरा
द्वारा एफआईआर की विवेचना पर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां मामले की गंभीरता
को देखते हुए जिला स्तरीय समिति द्वारा मामले को चिन्हित, जघन्य और सनसनीखेज अपराध
की श्रेणी में रखा गया। मामले में विवेचना संदीप दीक्षित कार्यवाहक निरीक्षक, मोहनी
शर्मा एवं अमिता अग्निहोत्री द्वारा की गयी। जहां अब न्यायालय द्वारा आरोपी को सजा
सुनाई गई है।
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