रतलाम। देश के सबसे बड़े जॉब फ्रॉड रैकेट का उड़ीसा की आर्थिक अपराध शाखा ने पर्दाफाश किया है। मामले में उड़ीसा की भुवनेश्वर पुलिस ने पहले उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रहने वाले मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया था। अब रतलाम जिले के जावरा में रहने वाले आईटी इंजीनियर को पकड़ा है, जिसने जॉब फ्रॉड के लिए फर्जी वेबसाइट डेवलप की थी।
पुलिस के मुताबिक,
अलीगढ़ का जफर अहमद इसका मास्टरमाइंड है, जिसे भुवनेश्वर पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर
चुकी है। जफर ने इंजीनियर साथियों के साथ मिलकर सरकारी जैसी दिखने वाली वेबसाइट बनाई
थी, जिसके जरिए विज्ञापन निकालकर नौकरी के नाम पर कई राज्यों के हजारों बेरोजगारों
के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। भुवनेश्वर पुलिस ने जावरा निवासी आईटी इंजीनियर
अर्पित पांचाल को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि वेबसाइट अर्पित ने बनाई थी।
25 करोड़ रुपये
की ठगी...
पुलिस के अनुसार,
मामला करीब 25 करोड़ रुपये की ठगी का है। जफर और उसके साथी ने उड़ीसा, गुजरात, कर्नाटक,
आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल में नौकरी चाहने वालों को सरकारी जैसी क्लोन वेबसाइट के
जरिए नौकरी दिलाने के लिए विज्ञापन जारी करवाया और फिर पंजीयन के नाम पर शुल्क लेकर
फ्रॉड किया। भुवनेश्वर के आईजी जयनारायण पंकज के वहां की मीडिया रिपोर्ट में दिए बयान
के मुताबिक, करीब नौ क्लोन (फर्जी) वेबसाइटों का खुलासा किया है।
बताया जा रहा
है, भुवनेश्वर पुलिस को 22 हजार से ज्यादा लोगों की एक लिस्ट मिली, जिनमें किसी से
पांच हजार तो किसी से 50 हजार रुपये तक ऐंठे गए। लगभग एक हजार फर्जी सिम कार्ड भी पुलिस
ने पता किए हैं। इसके लिए बकायदा वहां ऑफिस खोलकर 50 कर्मचारियों का कॉल सेंटर भी डेवलप
किया था। उन्हें 15 हजार रुपये की सैलरी तक दी जाती थी। इनकी वेबसाइट पर ज्यादातर सरकारी
स्वास्थ्य क्षेत्र में संविदा पर नौकरी दिलाने के लिए विज्ञापन जारी करती थी।
पुलिस की माने तो ठगी की राशि
जमा करने के लिए गिरोह ने लगभग दो हजार गरीब मजदूरों के नाम से फर्जी खाते खोले थे
और उस रुपये को भी वे यूपी के जनसेवा केंद्रों से क्यूआर कोड के जरिए निकालते थे। ताकि
किसने यह रुपये निकाले, यह पता न चले। इसके लिए 10 प्रतिशत कमीशन देते थे।
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