इंदौर। इंदौर में शासकीय लॉ कॉलेज में धार्मिक कट्टरता फैलाने का मामला सामने आया है। कॉलेज के ही शिक्षकों पर ये आरोप लगे हैं। इसे लेकर छात्र नेताओं ने हंगामा भी किया। विवाद बढ़ने के बाद कॉलेज प्रशासन ने 6 शिक्षकों को 5 दिन के लिए कार्यमुक्त कर दिया है। साथ ही मामले में जांच की बात भी कही है। उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त संचालक तक भी बात पहुंची है।
अभाविप ने की
शिकायत
शासकीय नवीन
विधि महाविद्यालय के प्राध्यापकों पर धार्मिक कट्टरता फैलाने और अनुशासनहीनता के आरोप
लगे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इसकी शिकायत कॉलेज प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान
से की थी। इसके बाद प्राचार्य ने कॉलेज के 6 शिक्षकों को 5 दिन के लिए कार्यमुक्त कर
दिया है। प्राचार्य की ओर से जारी आदेश में लिखा है कि मामले की स्वतंत्र समिति के
द्वारा जांच की जाना है, इसलिए शिक्षकों को 5 दिन के लिए कार्यमुक्त किया जाता है,
जिससे कॉलेज स्तर पर की जा रही जांच किसी भी स्तर पर प्रभावित न हो।
ये है मामला
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने शिक्षकों पर कॉलेज का माहौल खराब करने और विवादित टिप्पणियां करने का आरोप लगाया है। यह भी कहा है कि कुछ शिक्षक छात्राओं को बाहर चलने और अकेले में कैफे पर मिलने के लिए भी बुलाते हैं। इंटरनल मार्क्स का हवाला देकर छात्राओं पर दबाव बनाया जाता है। गुरुवार को इस संबंध में अभाविप के प्रांत मंत्री घनश्याम सिंह चौहान सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने कॉलेज पहुंचकर प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान का घेराव किया। हंगामे के दौरान कुछ विद्यार्थियों ने भी कहा कि कक्षाओं में राष्ट्र विरोध मानसिकता का प्रचार-प्रसार किया जाता है। शिक्षक अधिकांश समय इस्लाम से जुड़ी बातें करते हैं जिसका पाठ्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है।
इन शिक्षकों
को किया कार्यमुक्त
जिन शिक्षकों
पर धार्मिक कट्टरता फैलाने और अनुशासनहीनता के आरोप लगे हैं उनमें प्रो. अमीक खोखर,
डॉ. मिर्जा मोजिज बेग, डॉ. फिरोज अहमद मीर, प्रो. सुहैल अहमद वाणी, प्रो. मिलिंद कुमार
गौतम और डॉ. पूर्णिमा बीसे शामिल है। प्राचार्य ने भी अपने द्वारा जारी आदेश में इन
शिक्षकों के नाम का उल्लेख किया है।
अतिरिक्त संचालक
ने प्राचार्य को आज बुलाया
मामले को लेकर
उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त संचालक डॉ. किरण सलूजा का कहना है कि धार्मिक कट्टरता
फैलाने के संबंध में उन्हें शिकायत मिली है। मामले में कॉलेज प्राचार्य को चर्चा के
लिए शुक्रवार को बुलाया है साथ ही जांच करने के लिए कॉलेज प्रबंधन को कहा है।
मौखिक शिकायत
भी की थी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
के प्रांत मंत्री घनश्याम सिंह चौहान का कहना है कि धार्मिक कट्टरता फैलाने के संबंध
में पूर्व में भी प्राचार्य को मौखिक शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं
लिया। छात्राओं पर पब और कैफे के लिए शिक्षकों द्वारा दबाव बनाया जाता है। खुद छात्राओं
ने प्राचार्य को इसकी जानकारी दी है। कॉलेज प्रशासन ने मामले में जांच की बात कही है।
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