अब मृतक की पहचान बनी चुनौती
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर के पास की घटना चर्चा में है। एक व्यक्ति, जिसके अंतिम संस्कार की तैयारी हो रही थी, वह रेलवे क्वार्टर में सोता मिला है। इस मामले से जुड़ा हर शख्स हैरान भी है और खुश भी है। खुश इसलिए कि जिसे वे मृत मान रहे थे, वो जिंदा मिल गया। हैरान इसलिए कि जो मृत मिला है उसकी पहचान नहीं हो पा रही है।
जानकारी के अनुसार मामला जबलपुर-ब्यौहारी रेल खंड के बीच छैतहनी स्टेशन का है। बताया गया कि रविवार को ब्यौहारी से थोड़ी दूरी पर छैतहनी गांव के पास एक शव मिला था। जिसकी पहचान ब्यौहारी रेल खंड में एक रेलवे गैंगमैन ज्ञानेंद्र पांडे (34) के रूप में हुई। शव को पहले रेलवे कर्मचारियों ने अपने साथी के रूप में पहचाना इसलिए उसके घरवालों को सूचना दी। ज्ञानेंद्र के भाई देवेंद्र ने भी उसे अपने भाई का शव बताया। पुलिस का कहना है शव की पहचान ज्ञानेंद्र के साथियों और भाई ने की थी, इसलिए पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया।
यहां तक तो सब ठीक चला, पर मामले में मोड़ तब आया, जब भाई ने उसका सामान लेने की बात कही। ब्यौहारी थाना प्रभारी सुदीप सोनी ने बताया कि सोमवार को शव लेकर देवेंद्र शहडोल के लिए रवाना हो रहे थे, पर सोचा कि सामान भी साथ ले लूं। इसलिए वे उसके रेलवे क्वार्टर पर पहुंचे। वहां दरवाजा अंदर से बंद होने पर शंका हुई। दरवाजा जैसे-जैसे खोलकर वे अंदर गए तो उनके होश उड़ गए। उनका भाई ज्ञानेंद्र आराम से सो रहा था। पहले तो वे चौंके बाद में खुश हुए और पुलिस को सूचना दी।
थाना प्रभारी सोनी का कहना है कि हादसे में शव का चेहरा थोड़ा बिगड़ गया था। हालांकि चेहरा और कद-काठी देखकर रेलवे के साथियों और परिजनों ने उसकी पहचान ज्ञानेंद्र के रूप में की थी। इसलिए यह गलत फहमी हुई। हालांकि अब पुलिस के सामने नई चुनौती है कि शव किसका है। पुलिस फिर से जांच कर रही है।
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