मां और दादी भी बीमार; झोलाछाप से कराया था इलाज
इन बच्चों की गई जान
महू। महू से 30 किलोमीटर दूर बाईग्राम में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के बाद एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत हो गई है। तीसरा बेटा भी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। घटना के बाद से डॉक्टर फरार है। स्वास्थ्य विभाग ने बाईग्राम स्थित उसका क्लीनिक को सील कर दिया है।
सिटी बस में काम करने वाले राहुल गाडगे के बड़े बेटे शिवांश (5) को दो-तीन दिन से बुखार आ रहा था। इलाज झोलाछाप डॉक्टर बाल मुकुंद सिलवाड़िया के क्लीनिक पर चल रहा था। मंगलवार को शिवांश के भाई युवराज (2.5 साल) और नैतिक (2.5 साल) को भी बुखार आ गया।
पिता राहुल ने तीनों बेटों को डॉक्टर बालमुकुंद सिलवाड़िया से दवा दिलाई। मंगलवार रात ही 2 बजे बाद शिवांश की तबीयत बिगड़ने पर परिजन तीनों बेटों लेकर बड़वाह ले गए। सरकारी अस्पताल में शिवांश को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद परिजन एमवायएच और फिर चाचा नेहरु अस्पताल लेकर पहुंचे, वहां डॉक्टरों ने युवराज को मृत बता दिया और नैतिक को गंभीर अवस्था में भर्ती किया। युवराज और नैतिक जुड़वा भाई हैं। इधर, राहुल की पत्नी और मां की तबीयत भी खराब हो गई है। दोनों का भी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इंदौर सीएमएचओ डॉक्टर बीएस सैत्या का कहना है कि मौके पर जाकर जांच करवाई गई है। रिपोर्ट आने पर बच्चों की मौत का कारण पता चल सकेगा। इसके साथ ही बाईग्राम और आस-पास के गांव में लार्वा सर्वे और जिन्हें बुखार आया है, उनका सैंपल लिया जाएगा।
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