तीन बहनों की सामूहिक आत्महत्या मामला : पुलिस ने खोला राज

भाभी की हरकतों ने किया जान देने पर मजबूर

खंडवा। खंडवा जिले के दिल दहला देने वाले तीन बहनों की सामूहिक आत्महत्या मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस खुलासे से समाज की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।  खंडवा पुलिस ने शुक्रवार रात इस मामले का राज खोला और बताया कि तीनों बहनों की आत्महत्या के पीछे की वजह परिवार की अंतर्कलह थी।  मृत बहनों से उनकी भाभी राधा का व्यवहार ठीक नहीं था।  भाभी और भाई खुद तो गेहूं की रोटी खाते थे, लेकिन उन्हें मक्के की रोटी खिलाई जाती थी।  तीनों बहनों ने बड़ी बहन को उत्सव का न्योता दिया था।  इसके लिए भी जब भाभी ने गेहूं का आटा देने से मना कर दिया तो तीनों बहनों ने आत्मघाती कदम उठा लिया।  इस मामले में परिजन किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते। 

खंडवा एसपी विवेक सिंह ने बताया कि तीनों बहनों सोनू, सावित्री और ललिता की आत्महत्या के मामले को बेहद गंभीरता से लिया गया।  घर-परिवार के साथ-साथ हर पहलू पर जांच की गई।  जब उनकी कॉल डिटेल और वॉट्सएप मैसेज देखे गए तो पता चला कि घर के हाल ठीक नहीं थे।  उनकी भाभी राधा उनके साथ अच्छा संबंध नहीं रखती थी।  यहां तक कि खाने में भी भेदभाव हो रहा था।  वॉट्सएप मैसेज और वॉट्सएप कॉल से चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।  पुलिस ने बताया कि लड़कियां भावनात्मक रूप से टूट गई थीं।  उन्हें लगने लगा था कि उनका ध्यान रखने वाला अब कोई नहीं। 

खाने में भी भेदभाव

पुलिस ने बताया कि लड़कियों को गेहूं का आटा नहीं दिया जाता था।  घर में केवल भैया और भाभी ही गेहूं की रोटी खाते थे।  बाकी लोगों को मक्के के आटे की रोटी मिलती थी।  पुलिस ने चैट और वॉइस मैसेज की जांच की तो पता चला कि तीनों बहनों के साथ परिवारवालों का बर्ताव ठीक नहीं था।  तीनों लड़कियां अपने पिता के काफी करीब थीं।  कुछ साल पहले पिता की मौत के बाद वह कई बार कहती थीं कि उन्हें पिता के पास जाना है।  खंडवा के एसपी विवेक सिंह ने बताया कि उनके परिवार में कई सदस्य थे।  भाई की कमाई से घर चलता था।  बाद में घर में अलग-अलग चूल्हे चलने लगे।  खाने की चीजों में भी भेदभाव होने लगा। 

परिजन नहीं चाहते किसी पर कार्रवाई

मृत लड़कियों में से एक सावित्री की 2 महीने पहले शादी हुई थी, लेकिन वह खुश नहीं थी।  वॉट्सएप वॉइस मैसेज में लड़की ने अपने जीजा से कहा था कि कि उसको घर का गेहूं नहीं मिलता।  शिकायत करने पर भी भैया-भाभी कुछ नहीं कहते।  मैसेज में लड़की ने कहा कि बैल हमारे भी हैं, तो हमें गेहूं क्यों नहीं मिलता।  हमें खेत पर भी नहीं जाने देते।  हमारा भी उस पर अधिकार है।  ऐसे छोटे-मोटे विवाद अक्सर हुआ करते थे।  इधर, इस मामले में परिवार वालों ने किसी के खिलाफ की कारवाई नहीं करने की बात कही है। 

ये है आत्महत्या का मामला

बता दें, खंडवा के जावर थाना क्षेत्र के कोटाघाट गांव में तीन सगी बहनों सोनू, सावित्री और ललिता ने 26 जुलाई को आत्महत्या कर ली थी।  तीनों से पेड़ से लटककर फांसी लगा ली थी।  सूचना मिलते ही जावर थाना की पुलिस के साथ-साथ पिपलोद पुलिस भी मौके पर पहुंची थी।  तब तक परिवार के लोगों ने तीनों बहनों के शवों को पेड़ से उतार लिया था।  परिजनों ने बताया कि लड़कियों ने घर के पीछे के हिस्से में लगे नीम के पेड़ से लटककर जान दी।  उस वक्त आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं थी।  क्योंकि, परिजनों ने बताया कि न तो लड़कियों को किसी ने डांटा था  और न ही परिवार पर किसी तरह का कोई आर्थिक संकट था। 

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