बड़ी बहन बोली- तीनों ने मुझसे और बेटे से 1 घंटे बात की, मुझे बुला रही थीं
खंडवा में आदिवासी परिवार की 3 सगी बहनों ने खुदकुशी कर ली। तीनों ने एक साथ एक ही रस्सी से पेड़ पर फंदा बनाकर फांसी लगाई। घटना मंगलवार देर रात 11 बजे की है। जानकारी मिलने पर पुलिस रात 2.30 बजे घटनास्थल पर पहुंची। परिजन आत्महत्या के पीछे कोई वजह नहीं बता रहे हैं। उनकी बड़ी बहन के मुताबिक, घटना से कुछ देर पहले फोन पर तीनों बहनों ने उससे और उसके बेटे से बात की थी। तीनों उसे घर बुला रही थीं।
मामला जावर थाना इलाके के भामगढ़ ग्राम में कोटापेट फाल्या का है। SP विवेक सिंह ने बताया कि तीनों बहनें सोनू, सावित्री और ललिता के शव पेड़ पर फंदे से लटके मिले। उनके पिता जाम सिंह का निधन हो चुका है। परिवार में 5 बहनें और 3 भाई हैं। शुरुआती जांच में पुलिस और फॉरेंसिक टीम का मानना है कि तीनों ने सुसाइड किया है। वजह का पता लगाया जा रहा है।
एक बहन ने कहा था- 1 तारीख से हॉस्टल खुल जाएगा, खंडवा जाना है
बड़ी बहन चंपक ने बताया कि सोनू (23) खंडवा के एसएन कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। उससे छोटी बहन सावित्री (21) की 3 महीने पहले ही शादी हुई थी। 19 साल की ललिता ने पढ़ाई छोड़ दी थी। वह घर पर रहकर मजदूरी करती थी। तीनों बहन घर आने की जिद कर रही थीं। जिरोती अमावस्या पर आकर मिलने का कहा तो सोनू कह रही थी कि 1 तारीख (अगस्त) से हॉस्टल खुल जाएगा। उसे खंडवा जाना है।
नई रस्सी से लगाई फांसी
जावर थाने के टीआई शिवराम जाट ने बताया कि तीनों बहनों ने जिस रस्सी से फांसी लगाई, वो नई है। रस्सी बहनें ही लाईं या घर से ही ली, इसकी भी जांच की जाएगी। नायब तहसीलदार माला राय का कहना है कि पीएम रिपोर्ट के बाद ही जांच आगे बढ़ेगी। कोई संदिग्ध परिस्थिति जैसी बात सामने नहीं आई है।
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