सफाई को लेकर तो दिखाई दी ताकत, अब जल संरक्षण की बारी
इंदौर। इंदौर शहर स्वच्छता को लेकर मिसाल कायम हो चुका है। ये तब हुआ है, जब सभी ने मिलकर गंदगी के खिलाफ मोर्चा खोला और एकसाथ जुट गए। और साबित कर दिखाया कि हम इंदौरी अगर ठान ले तो कोई काम मुश्किल नहीं है।
अब एक ऐसा ही प्रयास इंदौरियों को करना होगा, खासकर बारिश के पानी को संभालने के लिए। बारिश का पानी इसलिए संभालना जरूरी है, क्योंकि शहर जिस तेजी से बढ़ता जा रहा है, उस हिसाब से हर घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी हो गया है और इसे इंदौर नगर निगम ने अनिवार्य भी कर दिया है, क्योंकि गली-मोहल्लों या निजी स्तर पर जिन्होंने बोरिंग करा रखे हैं, उन्हें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना ही चाहिए। इंदौर में जो नियम बनाया गया है, उसके तहत 1500 वर्ग फीट वाले सभी आवासीय भवनों के लिए यह अनिवार्यता की गई है।
वर्तमान में गर्मी शुरू हो गई है और अभी से कई क्षेत्रों में टैंकरों से पानी सप्लाय किया जा रहा है। ये हालात तब बन हैं, जब इंदौर में नर्मदा का तृतीय चरण भी आ चुका है। नगर निगम तो कोशिश कर रहा है कि हालात न बिगड़े, लेकिन लोगों को भी इस दिशा में अपनी ही जिम्मेदारी है, सोचकर कार्य करना होगा ताकि शहर में गर्मी के दिनों पेयजल की स्थिति ना गड़बड़ाए। इंदौर ऊंचाई पर बसा है, एेसे में यहां बारिश का पानी घरों की छतों से ही जमीन में संरक्षण किया जा सकता है। मान लो यदि इंदौर में मानसून एक या महीना देरी से आएगा तो शहर में हालात बिगड़ जाएंगे।
कुओं की सफाई हो : शहर में आज भी कई जगह कुएं और बावड़ियां हैं, जिन्हें कचरा डालकर बंद कर दिया गया है। वहीं, कुछ ऐसे भी कुएं हैं, जिनका संरक्षण करने की आवश्यकता है। इन कुओं का पानी लोग वापरने में उपयोग करे, ऐसी व्यवस्था भी करनी चािहए, ताकि लोगों को इधर-उधर पानी के लिए न भटकना पड़े।
शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य : देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में अब जल संरक्षण को लेकर भी पहल की जा रही है। बारिश का जल सहेजा जा सके इसके लिए रेल वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया गया है। 1500 वर्ग फीट वाले सभी आवासीय भवनों के लिए यह अनिवार्यता की गई है। चाहे स्वच्छता में पांच बार देश में अव्वल आने की बात हो या राष्ट्रीय जल पुरस्कार में परचम लहराने की बात। अब इंदौर को सेफ सिटी बनाने की कवायद भी की जा रही है तो वायू प्रदूषण कम करने के जतन भी किए जा रहे हैं। इन सबके साथ ही अब जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। इसके लिए नगर निगम ने 1500 वर्ग फीट वाले सभी आवासीय भवनों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया है। साथ ही गैर आवासीय और सरकारी भवनों में भी इसे अनिवार्य किया गया है। पिछले साल नगर निगम ने शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद शासन ने इसका गजट नोटफिकेशन जारी कर इस नियम का पालन करवाने को कहा है। नए सिस्टम के तहत अब 1500 वर्ग फीट या उसे बड़े भवनों को अनुमति तभी मिलेगी जब रेन हार्वेस्टिंग लगा लिया हो और वह भी चालू हालत में हो। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है। इसका उल्लंघन पाए जाने पर 500 रुपये से 5 हजार रुपये तक की पेनल्टी लगाई जाएगी। नियमों के तहत पहले से निर्मित या निर्माण के लिए प्रस्तावित 1500 वर्ग फीट के भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम छत पर या अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थापित करना होगा। ऐसे ही 10 हजार वर्ग फीट और 25 हजार वर्ग फीट के बीच के क्षेत्र में आवासीय भवनों की अनुमति के लिए बिल्डर को 4 मीटर व्यास और 15 मीटर गहराई वाला एक गड्ढा बनाना होगा। 25 हजार हजार वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल में
आवासीय भवन निर्माण की अनुमति प्राप्त करने के लिए छह मीटर का गड्ढा बनाना होगा। पहले से बने या प्रस्तावित गैर-आवासीय भवनों के लिए भी यह नियम लागू होगा। ऐसे ही सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है। इसके लिए संबंधितों को भवन की अनुमति के लिए आवेदन के साथ सिक्योरिटी राशि जमा करनी होगी। अधिकारियों द्वारा मौके पर परीक्षण करने के बाद उक्त राशि लौटा दी जाएगी।
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