सड़क पर चल रहा व्यापार अफसरों को नहीं दिखता...?
जवाबदेही @ इंदौर
इंदौर ने पांचवीं बार सफाई को लेकर पूरे देश में अपने नाम का डंका बजा दिया है और इसके लिए हमारा शहर हकदार भी है। सफाई कर्मचारियों की कार्यबद्धता और नगर निगम के जिम्मेदारों की कार्यकुशलता से ही ये संभव हो पाया है।
शहर को गंदगी से मुक्त कर शहरियों का मान पूरे देश में बढ़ा है। लेकिन एक दुविधा और समस्या का निदान नगर निगम आज तक नहीं कर पाया है। शायद यह निगम अफसरों की कमजोरी ही कही जाए तो कोई अितश्योक्ति नहीं होगी। असल में हमारे शहर में कई विकास कार्य किए जा रहे हैं। इसके तहत सड़कों का चौड़ा होना भी लाजिमी है और ऐसा हो भी रहा है और कई जगह हो चुका है। लेकिन सड़कों को अितक्रमण मुक्त कभी नहीं किया गया। बरसों से इन सड़कों पर दुकानों का सामान व्यापारी रखते आ रहे हैंं, लेकिन इनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाता और ना ही इन पर कोई सख्ती नगर निगम ने की। तीन-तीन मंजिला दुकानें कर ली है, लेकिन ड्रम, कोठी, पेटी, पलंग सहित तमाम सामान सड़क पर रखकर बेचा जा रहा है। सड़क पर सामान बेचकर व्यापारी तो फल-फूल रहे हैं, लेकिन रेंगते ट्रैफिक से लोगों को कभी निजात नहीं मिल पाई है।
मल्हारगंज (टोरी कॉर्नर)
शायद ही कोई ऐसा इंदौरी होगा, िजसे इस क्षेत्र की जानकारी नहीं होगी। इस क्षेत्र में बरसों से ड्रम, कोठियां, पलंग आदि सड़क पर ही रखकर बेचे जा रहे हैं। ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए यहां की सड़क चौड़ी कर दी गई, लेकिन व्यापारियों का व्यापार आज भी बरसों से सड़क पर ही चल रहा है। सभी को परेशानी है, लेिकन परेशानी को हल करने का माद्दा किसी में िदखाई नहीं दिया। कई रौबदार अिधकारी नगर निगम में निगमायुक्त के पद पर रहे, लेकिन वे भी कभी दुकानों के बाहर सामान रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाए।
नगर निगम की पीली गाड़ियां सिर्फ उगाही के लिए..!
आपको बता दे कि नगर निगम की पीली गाड़ियों में बैठे कर्मी दिनभर सिर्फ उगाही कर रहे हैं। हर दुकानदार, चाहे वो ठेले पर सामान बेचे या फुटपाथ पर सभी से वसूली की जा रही है। इसी का परिणाम है कि शहर के हालात बिगड़ चुके हैं। अफसर लाख बैठकें करें, जतन करें, लेकिन मुख्य समस्या पर जानकर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
अब हुई कार्रवाई
मच्छी बाजार से गंगवाल बस स्टैंड तक ट्रैफिक सुचारू रूप से चलता रहे और जवाहर मार्ग पर दबाव न बने इसके लिए इस मार्ग को चौड़ा बनाया था, जिस पर फर्नीचर बेचने वालों ने बरसों से कब्जा कर रखा था, जिसे इस सप्ताह बड़ी मशक्कत के बाद हटाया गया।
ऐसी बैठकों से नहीं सुधरेगा ट्रैफिक!
पुलिस कंट्रोल रूम में सोमवार को एनजीओ ट्रैक्स ने ट्रैफिक पुिलस के साथ एक कार्यक्रम आयोजित कर शहर के ट्रैफिक सुधारने को लेकर मंथन किया। इस पहल को सतर्क नाम दिया गया है। इस योजना के तहत शहर के 10 बड़े स्कूल और 5 प्रमुख कॉलेज भी जुड़े हैं। ये शहर में ट्रैफिक सेंस डेवलप करने का काम करेंगे। इस बैठक में सांसद शंकर लालवानी, आईजी हरिनारायण मिश्र, डीआईजी मनीष कपूरिया सिहत स्कूल-कॉलेज के शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे।
सवाल? क्या इन्हें नहीं पता समस्या क्या है?
गत सोमवार को आयोजित हुई इस बैठक में शहर के आला अफसर और सांसद मौजूद थे और ये अफसर सालों से इंदौर में है। क्या इन्हें नहीं पता कि शहर में ट्रैफिक बिगड़ने की वास्तविक िस्थति क्या है। ट्रैफिक सुधारने को लेकर लाख जतन किए जाते हैं, लेिकन नतीजा नहीं निकलता।
मालव कन्या स्कूल
मालव कन्या स्कूल से लगे फुटपाथ पर फल वालों और सब्जी वालों ने कब्जा कर लिया है। स्कूल के प्रिंसिपल ने पुिलस अिधकारियों को शिकायत भी की है कि यहां आने वाली छात्राओं के साथ ठेलेवाले छेड़छाड़ करते हैं, लेकिन इस समस्या को आज तक हल नहीं किया गया।
ठेले वालों के लिए बनाई योजना अमल में नहीं
कुछ दिन पहले एक कार्ययोजना बनाई गई, जिसमें इंदौर के कुछ प्रमुख चौराहे चिह्नित किए गए, जिसके आसपास ठेले वालों को खड़े नहीं रहने दिया जाए। इनके लिए जगह तय की जाएगी। इन ठेले वालों की वजह से चौराहों पर जाम के हालात बनते हैं। अब तक इस मामले में कोई पहल शुरू नहीं की गई है। शहर के हर चौराहों पर ठेले वालों और फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों का कब्जा होता जा रहा है, लेकिन नगर निगम आंख बंद करके बैठा है।
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