दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इंदौर को नंबर-1 शहर, 12 करोड़ का सफाई मित्र और 5 स्टार रेटिंग का अवॉर्ड दिया
इंदौर। हमारा शहर इंदौर 5वीं बार देश का सबसे साफ शहर चुन लिया गया है। दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इंदौर को नंबर-1 शहर, 12 करोड़ का सफाई मित्र और 5 स्टार रेटिंग का अवॉर्ड दिया। 35 लाख की आबादी वाला इंदौर 139 करोड़ भारतवासियों के लिए सफाई में रोल मॉडल कैसे बना जानते हैं इसके बारे मेंहमारे शहर में सफाईकमिर्यों का जो सहयोग है, वो कभी कम नहीं आका जा सकता है। सुबह, शाम, रात शहर में सफाई अनवरत की जाती रही है। सबसे बड़ी वजह है इंदौर ने 21.3 किलोमीटर लंबी कान्ह और 12.4 किलोमीटर की सरस्वती नदी को पुनर्जीवित किया है। 6 प्रमुख नालों सहित 137.28 किलोमीटर में बहने वाले सीवरेज को प्रोसेस किया गया। नदी-नालों में अब कचरा नहीं बहता। इसी का नतीजा है कि शुक्रवार को 41 साल बाद सरस्वती के तट पर लोग कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करते नजर आए।
गीले कचरे की गुणवत्ता 95% है, ऐसा जर्मनी में भी नहीं
पहली बार गाड़ियां खरीदने और ट्रांसफर स्टेशन बनाने के कारण कचरा प्रबंधन पर 160 करोड़ खर्च करना पड़े थे। अब यह खर्च सालाना 50 करोड़ पर आ गया है। पिछले साल 90% कचरा प्रबंधन शुल्क वसूला, जो 45 करोड़ था। गीले कचरे की गुणवत्ता 95% है, ऐसा जर्मनी में भी नहीं।
कचरे से सालाना 20 करोड़ की कमाई
इंदौर कचरे से अभी 20 करोड़ रुपए सालाना कमा रहा है। इसमें कार्बन क्रेडिट, CNG, कम्पोस्ट खाद, CND वेस्ट और सूखे कचरे से हो रही आमदनी शामिल है। एक्सपर्ट का मानना है कि जिस तेजी के साथ इंदौर कचरा प्रबंधन पर काम कर रहा है, आने वाले तीन साल में ही कचरे से हमारी कमाई 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगी।
56 दुकान में सबसे क्लीनेस्ट स्ट्रीट फूड
इंडिया स्मार्ट सिटी कॉन्टेस्ट 2020 में बिल्ड एनवायरमेंट थीम में अव्वल रही 56 दुकान का कायाकल्प इंदौर ने 56 दिन के रिकॉर्ड समय में 5.17 करोड़ की लागत से किया। इसे क्लीनेस्ट स्ट्रीट फूड का अवॉर्ड भी मिल चुका है। दुकानदारों ने खुद 500 किलो प्रतिदिन गीला कचरा प्रोसेस करने का प्लांट लगाया है। खाद लोगों को उपहार में दे रहे हैं।
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