लखनऊ। लखीमपुर खीरी हिंसा के बीच बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की नई लिस्ट जारी की। बीजेपी की इस लिस्ट में वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। उनकी जगह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को जगह मिली है। बीजेपी के इस ऐक्शन से साफ है कि वरुण को उनके बागी तेवरों की सजा मिली है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 80 सदस्य होते हैं और पार्टी के अंदर और बाहर कोई भी फैसले लेने में इसकी अहम भूमिका होती है।

बीते कई रोज से किसान मुद्दे को लेकर वरुण अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद वरुण की बगावत और तेजी दिखाई दी। जहां एक ओर बीजेपी नेता दबी जुबान से भी कुछ बोलने को तैयार नहीं थे, वरुण इस मामले में खुलकर सोशल मीडिया पर लिख रहे थे।

वरुण ने आज क्या ट्वीट किया था?

गुरुवार सुबह ही वरुण गांधी ने एक वायरल वीडियो ट्वीट किया जिसमें एक जीप प्रदर्शनकारी किसानों को रौंदते हुए जा रही है। वरुण ने ट्वीट किया,'वीडियो बिल्कुल साफ है। प्रदर्शनकारियों को हत्या कर चुप नहीं कराया जा सकता। किसानों के खून की जबावदेही होनी चाहिए और अहंकार व क्रूरता का भय बैठने से पहले किसानों को न्याय मिलना चाहिए।'

इससे पहले 5 अक्टूबर को भी वरुण गांधी ने इसी घटना से जुड़ा एक और वीडियो क्लिप शेयर किया था। वरुण ने मांग की थी कि पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों, और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार करे। घटना के अगले दिन 4 अक्टूबर को वरुण गांधी ने सीएम योगी को खत लिखकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

लगातार किसान मुद्दों पर घेर रहे वरुण

वरुण गांधी के बागी तेवर लखीमपुर खीरी हिंसा से पहले भी दिखाई दिए। वरुण गांधी ने गन्ने का रेट 400 रुपये घोषित करने की मांग की। इसके लिए वरुण ने सीएम योगी को खत भी लिखा था। वरुण ने 12 सितंबर को भी किसानों के मुद्दे उठाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को खत लिखा था। तब वरुण ने भूमिपुत्रों की बात सुनते की अपील करते हुए पत्र में 7 पॉइंट लिखे थे। वरुण गांधी ने इसमें गन्ना के दाम, बकाया भुगतान, धान की खरीदारी समेत 7 मुद्दों को उठाया था। 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में वरुण गांधी ने किसानों का समर्थन कर सरकार को असहज महसूस कराया था।

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