इंदौर में भूमिगत जल लगातार कम होता जा रहा है। शहर का अधिकांश हिस्सा सूख रहा है और मार्च अप्रैल तक तो शहर में सभी जगह बोरिंग जवाब दे जाते हैं। इन हालातों के बीच नगर निगम शहरवासियों को तो जल संरक्षण का बोलता है लेकिन खुद के लिए तय किए गए काम ही नहीं कर पाता है। फिलहाल जल संरक्षण को लेकर जोश से दावे एवं कदम उठाए जा रहे हैं, जैसा कि बरसात के हर मौसम से पहले होता है। परंतु निगम स्वयं के बोरिंगों को समुचित रिचार्ज नहीं करा सका, जिसके परिणामस्वरूप 700 बोरिंग सूख गए। आयुक्त शिवम वर्मा ने अमृत योजना व जल प्रदाय की समीक्षा बैठक ली जिसमें यह जानकारी सामने आई। नाराज होकर आयुक्त ने इन्हें तुरंत रिचार्ज कराने और भविष्य में इस तरह की गलती न होने के निर्देश दिए। इस बैठक में अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा, अभय राजनगांवकर समेत कार्यपालन सहायक यंत्री आदि उपस्थित रहे।
300 जगह बड़े गड्ढे बनवा रहा निगम
हर वर्ष नगर निगम बरसात से पूर्व कुएं, बावड़ियों और तालाबों के जीर्णोद्धार के साथ वॉटर रिचार्जिंग का अभियान तेजी से चलाता है, तथा जिन नागरिकों के पास बोरिंग मौजूद हैं, उन्हें भी सलाह दी जाती है कि वे छत का पानी बोरिंग में उतारें और उसके लिए रिचार्जिंग पिट तैयार करें। इन दिनों निगम 300 से अधिक स्थलों पर जल-संग्रहण से जुड़े बड़े आकार के गड्ढे बनवा रहा है। आयुक्त की ताजा समीक्षा बैठक में यह भी उजागर हुआ कि प्रत्येक जोन में हुए सर्वे के अनुसार 700 से ज्यादा बोरिंग, जो इस बार सूख गए, उन्हें दोबारा रिचार्ज कराने की योजना बनाई गई है।
गंदे पानी की शिकायत पर इंजीनियर होगा जवाबदार
आयुक्त ने यह भी हिदायत दी कि स्टॉर्म वाटर लाइन के पास वर्षा के जल को भू-जल स्तर बढ़ाने हेतु रिचार्ज पॉइंट स्थापित किए जाएं, ताकि बरसाती पानी का अधिकतम उपयोग हो सके। साथ ही गंदे पानी की शिकायतों को प्राथमिकता से सुलझाने के लिए आवश्यक कार्य वर्षा पूर्व ही पूरे करने को कहा गया है। यदि गंदे पानी की शिकायत मिलती है, तो संबंधित इंजीनियर की जवाबदेही तय कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त ने निर्देशित किया कि वर्षा जल के पुनर्भरण हेतु क्षेत्र में मौजूद कुओं और बावड़ियों को भी रिचार्ज पॉइंट बनाया जाए। इसके लिए प्रत्येक जोन में सर्वे करके उपयुक्त स्थान चिन्हित किए जाएं। लगभग 700 से अधिक ऐसे बोरिंग, जो इस साल सूख गए हैं, उन्हें दोबारा रिचार्ज करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि आपूर्ति पर दबाव कम हो सके।
लाइनें डालने के लिए दूसरी बार सड़क नहीं खोदें अधिकारी
आयुक्त वर्मा ने हिदायत दी कि सभी अधिकारी अपने क्षेत्र में रेस्टोरेशन से जुड़े कार्यों को वर्षा से पहले अनिवार्य रूप से पूरा करें, ताकि नागरिकों को प्रकार की असुविधा ना हो। कॉलोनी के भीतर अगर रेस्टोरेशन होना है, तो इसे बारिश के पूर्व ही निपटाया जाए। साथ ही मास्टर प्लान के अंतर्गत प्रस्तावित नई सड़क में स्टॉर्म वाटर लाइन को मार्ग के किनारे बिछाया जाए और फुटपाथ पर यूटिलिटी लाइन डालने की योजना बने, जिससे जरूरत पड़ने पर सड़क दोबारा न खोदनी पड़े और अनावश्यक खर्च रोका जा सके।
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