दमोह नगर पालिका में पदस्थ सीएमओ प्रदीप शर्मा के साथ हुए स्याही कांड के बाद सागर संभाग के संयुक्त संचालक ने उन्हें तत्काल प्रभाव से सागर कार्यालय में अटैच कर दिया है। उनकी जगह पन्ना जिले के गुनौर नगर पालिका परिषद के सीएमओ रामचरण अहिरवार चार्ज संभालेंगे। गुरुवार रात जारी आदेश में दमोह सीएमओ को शांति व्यवस्था भंग करने का आरोपी बताया गया है।
बता दें कि 29 मार्च की सुबह नगर पालिका के कुछ कर्मचारी घंटाघर पर लगे धार्मिक ध्वज हटाने के लिए पहुंचे थे। वहां मौजूद हिंदू संगठन के लोगों को कर्मचारियों ने बताया कि वे सीएमओ के आदेश पर ध्वज हटाने आए हैं। संगृठन से जुड़े लोगों ने विरोध किया तो कर्मचारी वहां से चले गए। लेकिन, हिंदू संगठनों के लोगों ने घंटाघर पर धरना देकर सीएमओ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
इसी बीच भाजपा के विवेक अग्रवाल और अनुराग उर्फ छुट्टू यादव सीएमओ के सरकारी आवास पर पहुंचे और उनके मुंह पर स्याही पोत दी। ये दोनों घटनाएं एक ही घटनाक्रम से जुड़ी हुई थीं। विवाद बढ़ने पर कलेक्टर ने एक जांच समिति गठित की, जिसने 11 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी। इस रिपोर्ट में स्याही कांड से जुड़े दोनों भाजपा कार्यकर्ताओं को दोषी पाया गया और उनके खिलाफ कोतवाली थाने में केस दर्ज किया गया।
इस कार्रवाई से नाराज भाजपाई और हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने 19 अप्रैल को दमोह बंद का आह्वान किया और मांग की कि धार्मिक ध्वज हटवाने का प्रयास करने वाले सीएमओ पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग, सागर संभाग के संयुक्त संचालक ने सीएमओ प्रदीप शर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें सागर कार्यालय अटैच कर दिया।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि जिन संयुक्त संचालक ने यह आरोप पत्र जारी किया है, वे खुद स्याही कांड के बाद संभाग के सभी सीएमओ और इंजीनियरों के साथ मिलकर सीएमओ प्रदीप शर्मा का समर्थन करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग लेकर दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर को ज्ञापन देने पहुंचे थे। ऐसे में यह कार्रवाई अपने आप में विरोधाभासी और हास्यास्पद प्रतीत हो रही है। इस पूरे मामले में सीएमओ प्रदीप शर्मा का कहना है कि वे अपना जवाब शासन को प्रस्तुत करेंगे।
नगर पालिका परिषद दमोह में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ प्रदीप कुमार शर्मा के विरुद्ध 29 मार्च को दमोह के घंटाघर चौक पर चैत्र नवरात्रि के अवसर पर लगाए गए धार्मिक ध्वजों को हटाने की घटना के संबंध में एक जांच दल गठित किया गया था। जांच प्रतिवेदन में यह स्पष्ट किया गया है कि सीएमओ द्वारा चैत्र नवरात्रि के दौरान सामूहिक स्थलों से झंडे, बैनर, पोस्टर हटाने जैसे संवेदनशील मामले में कर्मचारियों को भेजने से पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर आपसी संवाद से समस्या का समाधान किया जा सकता था। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया और पदीय दायित्वों का सही निर्वहन नहीं करते हुए अधीनस्थ कर्मचारियों को सीधे भेज दिया, जिससे कानून एवं शांति व्यवस्था भंग हुई और प्रदर्शन की स्थिति उत्पन्न हुई।
इस कृत्य के लिए प्रदीप कुमार शर्मा के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। जांच प्रतिवेदन के अनुसार कार्रवाई पूर्ण होने तक या आगामी आदेश तक प्रदीप कुमार शर्मा को तत्काल प्रभाव से संभागीय कार्यालय नगरीय प्रशासन में संलग्न किया जाता है। उनके संलग्न रहने की अवधि में उनका वेतन नगर पालिका परिषद दमोह से ही देय होगा। इस अवधि में नगर पालिका परिषद दमोह का प्रभार पन्ना जिले के गुनौर नगर पालिका के सीएमओ रामचरण अहिरवार को सौंपा गया है।
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