इंदौर में कलेक्टर गाइडलाइन लगभग तैयार हो चुकी है। इस पर पंजीयन विभाग ने दावे-आपत्तियों को मंगाया था। डेढ़ सौ से अधिक आपत्तियां  आई है। जिसका निराकरण किया जा रहा है। इसके बाद गाइडलाइन का प्रारुप राज्य सरकार को भेजा जाएगा। 1 अप्रैल ले नई कलेक्टर गाइड लाइन तैयार हो जाएगी। इंदौर में 3200 लोकेशनों पर गाइडलाइन बढ़ाई जा रही है, जबकि 240 नई काॅलोनियों को गाइडलाइन के दायरे में लिया गया है। इस बदलाव से प्राॅपर्टी के कीमतों में भी वृद्धि होगी।

सालभर हुए सौदों के आधार पर गाइडलाइन में बदलाव किया गया। इंदौर में सबसे ज्यादा तेजी खंडवा रोड़ और उज्जैन रोड़ पर देखने को मिली है। खंडवा रोड पर फोरलेन निर्माण हो रहा है, जबकि इंदौर उज्जैन रोड पर छह लेन बन रहा है। इंदौर में बड़े ग्रुप भी रियल इस्टेट सेक्टर में आ चुके है। 32 लोकेशनों के ज्यादातर इलाके शहरी सीमा से सटे है। इनमे बाइपास, सुपर काॅरिडोर, गांधी नगर जैसे क्षेत्र शामिल है।

 पंजीयन विभाग के पास अलग-अलग तरह की आपत्तियां आई है। कुछ आपत्तियां ग्रीन बेल्ट को लेकर भी है। जिसमें कहा गया है कि ग्रीन बेल्ट की जमीनों के ज्यादा सौंदे नहीं होते है। इसकी गाइडलाइन का निर्धारण अलग से किया जाना चाहिए। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन की खरीदी बिक्री में छूट को बहाल करने की मांग भी की गई है। मास्टर प्लान में 89 गांवों को जोड़ा गया है। वहां भी प्राॅपर्टी गाइडलाइन में बदलाव हुए है।

इंदौर में कुछ लोकेशनों पर 30 से लेकर 40 प्रतिशत तक गाइड लाइन बढ़ाई गई है। इंदौर एक में 531,इंदौर दो में 596, इंदौर तीन में 658, इंदौर चार में 425, महू में 429, सांवेर में 348,देपालपुर में 329 लोकेशनो पर गाइडलाइन बदली है। अब समिति के इस प्रस्ताव को प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। मंजूरी मिलते ही एक अप्रैल से नई गाइडलाइन के हिसाब से पंजीयन विभाग में रजिस्ट्रियां होगी।

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