शासकीय भूमि पर अवैध रूप से बसाई गई अंबे नगर कॉलोनी का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। 12 साल बीत जाने के बावजूद इस भूमि पर अवैध कब्जे जस के तस बने हुए हैं। ग्राम सुखलिया स्थित आईटीआई की सर्वे नंबर 596 की भूमि पर यह कॉलोनी विकसित की गई थी। तत्कालीन कलेक्टर ने इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कॉलोनाइजर पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) भी लगा दिया था। जब जिला प्रशासन ने इस भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने का प्रयास किया, तो मामला उच्च न्यायालय पहुंच गया। वर्ष 2012 में दायर याचिका के बाद जांच करवाई गई और वर्ष 2014 में शासन को प्रतिवेदन भेजा गया। हालांकि, 12 वर्षों के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। अब संभागायुक्त ने फिर से इस मामले की जांच के निर्देश दिए हैं और वर्तमान स्थिति का आकलन किया जा रहा है।
ड्रोन सर्वे से होगी विस्तृत जांच
संभागायुक्त कार्यालय से जारी निर्देश के अनुसार, एक समिति का गठन कर विस्तृत सर्वेक्षण किया जाएगा और ड्रोन सर्वे भी किया जाएगा। इस सर्वेक्षण में मुख्य रूप से यह देखा जाएगा कि इस भूमि पर कितने परिवार निवास कर रहे हैं और उन्होंने कितने क्षेत्र में अतिक्रमण किया है। मकान कच्चे हैं या पक्के, यह भी दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा, प्रत्येक रहवासी की व्यक्तिगत जानकारी, जैसे उसका नाम, व्यवसाय, आय, परिवार के सदस्यों की संख्या, अन्य स्थानों पर भूमि या आवास की उपलब्धता आदि का भी रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जब आईटीआई की इस भूमि पर अतिक्रमण हुआ, तो प्राचार्य ने जिला प्रशासन से पत्राचार किया था। तात्कालिक कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने नजूल अधिकारी शिलेंद्र सिंह के माध्यम से जांच शुरू करवाई और तहसीलदार पूर्णिमा सिंगी व निधि वर्मा के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी।
भूमाफिया की गतिविधियां और प्रशासन की लाचारी
यह कॉलोनी भूमाफिया चंद्र प्रकाश कश्यप द्वारा विकसित की गई थी। प्रशासन ने उस पर रासुका की कार्रवाई भी की थी, लेकिन इसके बावजूद वह अब अधिकारियों के साथ उठता-बैठता नजर आता है। यह आश्चर्यजनक है कि जिस व्यक्ति पर गंभीर आरोप लगे थे, वह आज प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बातचीत करता दिखाई देता है। बताया जाता है कि इस अवैध कॉलोनी में कुल 139 भूखंड और आवास बने थे। जिला प्रशासन ने जांच के बाद इनमें से 91 लोगों को हटाने के आदेश भी जारी किए थे, लेकिन इतने सालों बाद भी शासन ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उपायुक्त राजस्व सपना लोवंशी का कहना है कि मौके की वर्तमान स्थिति काफी बदल चुकी होगी, इसलिए नए सिरे से सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कलेक्टर को पत्र भेजा गया है।
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