मध्य प्रदेश के नर्सिंग विद्यार्थियों को पिछले चार वर्षों छात्रवृत्ति नहीं दी जा रही है, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं उनकी परीक्षाओ को भी समय पर नहीं कराया जा रहा है। इससे विद्यार्थियों में नाराजगी है। सोमवार को एनएसयूआई  के नेतृत्व में नर्सिंग छात्र-छात्राओं ने मध्यप्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया छात्र छात्राएं अपनी मांगों को लेकर राजभवन जाना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रेडक्रॉस अस्पताल के पास ही रोक लिया इस बीच छात्र छात्राओं ने सड़क पर बैठ कर जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।सउसके बाद पुलिस प्रशासन NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार प्रदेश सह सचिव अमन पठान लक्की चौबे और छात्र छात्राओं के प्रतिनिधि मंडल को राजभवन लेकर पहुंचा वहां एनएसयूआई ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन

एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि नर्सिंग छात्रों की छात्रवृत्ति पिछले चार वर्षों नहीं दी जा रही है, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है और यह उनके अधिकारों का हनन है सरकार इवेंटों में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति नहीं दे रही है इससे सरकार की मंशा स्पष्ट है की सरकार का ना तो शिक्षा पर ध्यान है ना स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर ध्यान है  सरकार सिर्फ कर्ज लेकर इंवेंटो में मप्र के करोड़ों रुपए उड़ा रही हैं । 

परमार ने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा की स्थिति लगातार बदहाल होती जा रही है। एकेडमिक कैलेंडर पूरी तरह से पटरी से उतर चुका है बीएससी नर्सिंग के 2019-20 सत्र के छात्र-छात्राओं की अभी तक अंतिम वर्ष की परीक्षा नहीं हुई वहीं बीएससी , एमएससी पोस्ट बीएससी नर्सिंग 2020-21 और 2021-22 सत्र के विद्यार्थियों की सेकंड ईयर की परीक्षाएं अब तक आयोजित नहीं हुईं 2020-21 और 2021-22 सत्र के प्रथम वर्ष के कई विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम अब तक घोषित नहीं किए गए हैं परीक्षा परिणामों में देरी के कारण छात्र मानसिक रूप से परेशान हो रहे  हैं और उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है। वहीं कई छात्र छात्राओं के नामांकन नहीं हो रहे जिससे उनके भविष्य पर भी संकट मंडरा रहा हैं । 

परमार ने कहा कि 2024-25 सत्र में बिना संबद्धता के नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश दिया जा चुका है। यदि इन कॉलेजों को संबद्धता नहीं मिली, तो वहां पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थियों का भविष्य संकट में पड़ जाएगा। साथ ही, देरी से संबद्धता जारी करने से छात्रों की पढ़ाई पर भी गंभीर असर पड़ेगा। एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि सरकार की लापरवाही और चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण नर्सिंग छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। परमार ने चेतावनी दी कि सरकार जल्द से जल्द इन मांगों को पूरा नहीं करती है तो एनएसयूआई छात्र-छात्राओं के हक के लिए मुख्यमंत्री निवास और राजभवन का घेराव करेंगी ।


एनएसयूआई की प्रमुख मांगे

1. तुरंत छात्रवृत्ति जारी की जाए।

2. नर्सिंग परीक्षाओं का शेड्यूल घोषित कर समय पर परीक्षाएं करवाई जाएं।

3. समय पर परीक्षा परिणाम जारी किए जाएं।

4. बिना संबद्धता प्रवेश देने पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।

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