ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेयर्स की मध्यप्रदेश इकाई की पहली बैठक इंदौर में आयोजित की गई। बैठक में 16 नगरीय निकायों के 13 मेयर शामिल हुए। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव वर्चुअली तरीके से जुड़े। इस दौरान उन्होंने कहा कि इंदौर ने सफाई में सात बार सरताज बनकर पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इंदौर नगर निगम ने बॉन्ड के जरिए जलूद में सोलर प्लांट की योजना से आत्मनिर्भर बनने की मिसाल पेश की है। प्रदेश के दूसरे नगरीय निकाय यदि आत्मनिर्भर बनेंगे तो कल्याणकारी काम ज्यादा कर सकेंगे। सीएम यादव ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में नगरीय निकायों ने अच्छी भूमिका निभाई। बैठक में जो भी योग्य प्रस्ताव तैयार होंगे, उसे सरकार लागू करने की कोशिश करेंगे।

नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों को सबसे ज्यादा अधिकार है। निकायों के मेयर थोड़ा सा साहस दिखाए, पारदर्शिता से काम करे टैक्स लगाकर आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा कि हमें शिकायतें काफी मिली है। हम जांच नहीं कराते, यदि जांच करने लगे तो कई लोग कठघरे में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि मेयर का कार्यकाल एक जंपिंग पीरियड की तरह होता है। यदि, पांच साल के काम अच्छे से काम किए तो जनता 25 साल तक याद करती है। 

मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि मध्य प्रदेश के महापौरों का यह पहला सम्मेलन है। बैठक में जनप्रतिनिधियों के अधिकार, आय के स्त्रोत बढ़ाने जैसे कई विषयों पर जो भी सहमति बनेगी, उसे हम सरकार के समक्ष रखेंगे।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि शहरों के विकास में नगरीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। निकायों के सामने चुनौतियां भी बढ़ रही है। तेजी से शहरीकरण हो रहा है। जनसंख्या का दबाव बढ़ने लगा है। उसके हिसाब से सुविधाएं जुटाना आसान नहीं होता है। ऐसे में जनप्रतिनिधि विजन के साथ काम करें।

पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि ज्यादातर सरकारी योजनाओं को जमीन पर लाने की एजेंसी नगर निगम होते हैं। इसमें कठिनाइयां भी आती हैं। मेयरों के पास प्रशासनिक पावर की कमी है। जिस पर मंथन होना चाहिए। बैठक में विधायक रमेश मेंदोला, मधु वर्मा, गोलू शुक्ला भी मौजूद थे।

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