इंदौर के पूर्वी और पश्चिमी बाइपास का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बनाएगा। केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने खुद इसकी घोषणा गुरुवार को इंदौर में की है। 25 साल पहले मांगलिया से राऊ तक पूर्वी बाइपास एनएचएनआई ने बनाया था, लेकिन अब पूर्वी हिस्से का नया बाइपास और पश्चिमी बाइपास का निर्माण साथ में होने से शहर की नई रिंग बन जाएगी।

यह मार्ग डकाच्या गांव से महू और पीथमपुर को जोड़ेगा। इसके निर्माण से महू, पीथमपुर और देवास के ग्रामीण क्षेत्र इंदौर के और करीब आ जाएंगे और मार्ग के आसपास बसाहट शुरू हो जाएगी। 70 किलोमीटर मार्ग के निर्माण पर चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंत्री गडकरी ने यह शर्त भी रखी है कि सड़क एनएचएनाई बनाएगी, लेकिन जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया राज्य सरकार को करना होगी।

पूर्वी बाइपास 38 गांवों से होकर गुजरेगा। यह छहलेन बनेगा। दस साल पहले भी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने नए पूर्वी बाइपास का सर्वे किया था, लेकिन बाद में पूराने बाइपास को ही चार लेन से छहलेन करने का काम शुरू हो गया था और नए बाइपास के निर्माण की योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि मंत्री गडकरी के निर्देश के बाद अब पूर्वी बाइपास के लिए नए सिरे से सर्वे की प्रक्रिया होगी। इसके निर्माण से देवास, महू, पीथमपुर को भी फायदा होगा।

 यह होगा पूर्वी बाइपास बनने से फायदा

  • रियल इस्टेट मार्केट में तेजी आएगी। नई टाउनशिप और उद्योग खुल सकेंगे।
  • सड़क के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का व्यवस्थित विकास होगा। मास्टर प्लान की आंतरिक सड़कें बनेगी।
  • दिल्ली और मुबंई की तरफ जाने वाले वाहन इंदौर के बजाए सीधे बाइपास से देवास और मानपुर की तरफ जा सकेंगे।
  • वर्तमान पूर्वी बाइपास पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। हादसों पर भी रोक लगेगी।
  • पीथमपुर और देवास के औद्योगिक क्षेत्र की फैक्टरियों को परिवहन के लिए नई कनेक्टिविटी मिलेगी।

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