दीपावली के बाद अलग-अलग परंपराओं को निभाने का सिलसिला भी शुरू हुआ। वहीं इंदौर शहर के पास गौतमपुरा में हर साल दीपावली के बाद हिंगोट युद्ध का आयोजन किया गया है, जिसमें कलंगी और तुर्रा दो सेनाओं के बीच हिंगोट युद्ध हुआ है। देर शाम शुरू हुए हिंगोट युद्ध के दौरान दोनों ही सेनाओं के योद्धाओं ने एक-दूसरे पर जमकर हिंगोट बरसाए हैं। हिंगोट युद्ध देखने प्रदेश भर से लोग गौतमपुरा पहुंचे थे, जहां लाखों की संख्या में लोगों ने हिंगोट युद्ध देखा है।
गौतमपुरा में होने वाले हिंगोट युद्ध को लेकर योद्धाओं में उत्साह नजर आ रहा था, जहां योद्धाओं ने हिंगोट युद्ध के लिए अपने-अपने स्तर पर तैयारियां की थी। दोनों ही सेनाओं के योद्धा भगवान देवनारायण के मंदिर में पहुंचकर आशीर्वाद लिया। वहीं इसके बाद हिंगोट युद्ध आरंभ हुआ, अबकी बार भी हिंगोट युद्ध को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग जुटे थे। जानकारी के मुताबिक लगभग 15 हजार से ज्यादा लोग हिंगोट युद्ध देखने पहुंचे थे। वहीं अबकी बार इस युद्ध में कई लोगों के घायल होने जानकारी सामने आई है।
कलंगी और तुर्रा दोनों ही दल के योद्धा हिंगोट युद्ध से कई दिनों पहले ही इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं, जहां युद्ध के दिन दोनों ही दलों के योद्धा भगवान देवनारायण का आशीर्वाद लेने के बाद मैदान में आमने-सामने खड़े हो जाते हैं, और युद्ध का संकेत मिलते ही एक दूसरे पर हिंगोट बरसाने शुरू कर देते हैं। इस दौरान दोनों ही दलों के योद्धा अपने हाथों में ढाल और हिंगोट लिए नजर आते हैं। इस दौरान मैदान का नजारा कुछ इस तरह लगता है कि, पूरे मैदान में हिंगोट ही हिंगोट नजर आती है। दीपावली के दूसरे दिन होने वाले हिंगोट युद्ध की परंपरा बेहद पुरानी है।
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