इंदौर। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने दावा किया है कि मतदाताओं को मतदान के लिए जागरुक करने का काम वह अपने बिलों के जरिए करेगी। कंपनी ने घोषणा की है कि अप्रैल माह में जारी होने वाले सभी बिजली बिलों पर मतदान करने की अपील के विज्ञापन छापे जाएंगे। एक अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच जारी होने वाले बिलों पर ये विज्ञापन जारी होंगे। ये बात अलग है कि बिजली कंपनी दो वर्षों से बिजली के बिल ही नहीं छाप रही हैं।
भारत निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुसार, बिजली कंपनी ने बिलों पर मतदान की अपील छापने की बात कही है। बिजली कंपनी का दावा है कि 35 लाख से ज्यादा बिजली बिलों पर यह अपील छापी जाएगी। हालांकि बिजली कंपनी के इस दावे पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। कम से कम दो वर्ष से बिजली कंपनी ने बिल छापना ही बंद कर दिया है। उपभोक्ताओं की तमाम आपत्तियों के बावजूद कंपनी छपे हुए बिल ही नहीं दे रही।
पहले इंदौर शहर में यह व्यवस्था लागू की थी। बाद में उसे पूरे उज्जैन-इंदौर संभाग के जिलों में लागू कर दिया। ज्यादातर उपभोक्ताओं के पास सिर्फ मासिक देयक के एसएमएस ही पहुंच रहे हैं। हालांकि बिजली कंपनी सफाई दे रही है कि उपभोक्ताओं को वाटसएप पर पीडीएफ भेजी जा रही है। ऐसे में इस पीडीएफ फार्मेट में अपील छापी जाएगी।
हालांकि पीडीएफ कितने उपभोक्ताओं को मोबाइल पर पहुंच रही है इसका सही-सही आंकड़ा बिजली कंपनी के पास नहीं है। और तो और जोनों से शिकायत मिल रही है कि उन्हें कंपनी कागज ही नहीं दे रही कि वे उपभोक्ता के मांगने पर खिड़की से ही बिल प्रिंट कर दे दें।
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