चंडीगढ़ | हरियाणा में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके मनोहर लाल खट्टर ने अब विधायक पद भी छोड़ दिया है। वे हरियाणा की करनाल विधानसभा सीट से विधायक थे और उन्होंने बुधवार को इस पद से भी इस्तीफा दे दिया। इससे पहले, मंगलवार को अचानक घटे घटनाक्रम में मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था। इसके बाद नायब सिंह सैनी को राज्य का नया सीएम बनाया गया है। 

नायब सिंह सैनी अभी हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट से सांसद हैं। उन्हें अगले छह महीने के भीतर किसी भी उपचुनाव के जरिए विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि करनाल विधानसभा की जो सीट खाली हुई है, उससे वह चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। उधर, अटकलें हैं कि मनोहर लाल खट्टर आगामी लोकसभा चुनाव में करनाल सीट से बीजेपी के उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं। 

हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी के बीच गठबंधन टूट गया है। हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बहुमत हासिल करने के उद्देश्य से बुधवार को फ्लोर टेस्ट भी पास कर लिया है। नए सीएम सैनी ने विधानसभा में कहा, ''मैं एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आता हूं, मेरे परिवार में कोई भी राजनीति में नहीं है। मैं सिर्फ बीजेपी का एक पार्टी कार्यकर्ता हूं और आज मुझे इतना बड़ा अवसर दिया गया है। यह केवल एक पार्टी में ही संभव हो सकता है और वह बीजेपी है।'' उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तारीफ भी की। सीएम सैनी ने कहा, ''मैंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से सब कुछ सीखा है। मैंने उनसे छोटी से छोटी चीजें भी सीखी हैं और उन्हें कैसे बनाए रखना है।"

मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्ताव पेश करने से पहले, कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता से जल्दबाजी में विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर सवाल पूछा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ''कोई आपात स्थिति नहीं थी''। उन्होंने दावा किया कि विधायकों को पर्याप्त समय नहीं दिया गया। पार्टी विधायक बी बी बत्रा ने पूछा, ''सत्र बुलाने की इतनी जल्दी क्या थी?'' हुड्डा ने अध्यक्ष से सत्र को कम से कम एक घंटे के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया ताकि विधायक विधानसभा पहुंच सकें। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि सदन में समय पर पहुंचना सदस्यों का कर्तव्य है। गुप्ता ने कहा, ''चर्चा होने दीजिए और इस बीच सदस्य सदन में पहुंच सकते हैं।''

राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में, भाजपा के 41 सदस्य हैं और उसे सात में से छह निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन प्राप्त है। सदन में जजपा के 10 विधायक हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं जबकि इंडियन नेशनल लोकदल का एक विधायक है। 

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