मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी कौन संभालेगा, इसे लेकर कई दिनों से जारी सस्पेंस आज खत्म हो गया. विधायक दल की बैठक में  मोहन यादव के नाम पर सहमति बन गई है. इस अहम फैसले से पहले बीजेपी आलाकमान ने आज भोपाल में पर्यवेक्षकों की एक टीम भेजी थी. इसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, आशा लाकड़ा और के लक्ष्मण के नाम शामिल हैं. 

भोपाल पहुंचने के बाद मनोहरलाल खट्टर और अन्य पर्यवेक्षक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे. यहां पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले शिवराज सिंह से मुलाकात की थी. बताया जा रहा था कि खट्टर बीजेपी आलाकमान का फरमान लेकर दिल्ली से पहुंचे थे.खट्टर के भोपाल पहुंचने के बाद भी नड्डा लगातार उनके साथ संपर्क में बने हुए थे. 

पार्टी कार्यालय में जहां विधायक दल की बैठक चल रही थी. वहीं, पार्टी ऑफिस के बाहर प्रह्लाद पटेल और शिवराज सिंह चौहान के समर्थक नारेबाजी कर रहे थे. बता दें कि मुख्यमंत्री की रेस में सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और वीडी शर्मा के नाम शामिल थे. उधर, सीएम के नाम के ऐलान से पहले प्रह्लाद पटेल के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.

जानिए कौन हैं मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव

डॉ. मोहन यादव ने अपनी राजनीतिक पारी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जरिये 1984 में शुरू की। उन्हें उज्जैन के नगर मंत्री का दायित्व दिया गया। 1986 में उन्हें एबीवीपी के विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई। वह जल्द ही एबीवीपी के प्रदेश सह मंत्री बने। वह आरएसएस के स्टूडेंट विंग के राष्ट्रीय मंत्री भी बने। इसके अलावा मोहन यादव आरएसएस के सह खंड कार्यवाह और नगर कार्यवाह भी रहे। 1997 में वह छात्र राजनीति से बीजेपी युवा मोर्चा में कदम रखा। 2003 में मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्होंने तरक्की की। उन्हें उज्जैन विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष भी बनाया गया। शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें 2011 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष भी बनाया। 2013 में विधायक बनने के बाद उन्हें बड़ी जिम्मेदारी बनी। 2020 में जब दोबारा शिवराज सिंह की सरकार बनी तो उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री भी बनाया।

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