सीहोर। सीहोर और श्यामपुर को जोड़ने वाली सड़क को फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक से 30 करोड़ रुपये की लागत से बनाया था। दावा किया गया था कि यह सड़क प्रदेश की इस तकनीक से बनी पहली सड़क है। लागत कम है और मजबूती दोगुना है। यह दावे सारे खोखले साबित हुए और पहली बारिश में ही यह सड़क उखड़ गई।
सड़क पर जगह-जगह दरारें
इस नई सड़क पर जगह-जगह दरारे नजर आने लगी हैं। सड़क निर्माण कंपनी ने एक पुलिया भी बनाई थी, जो धंस गई। इसके चलते सीहोर का श्यामपुर से सड़क संपर्क टूट गया। करीब 30 से अधिक गांव के लोगों को भी सीहोर आने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क निर्माण कंपनी का दावा था कि इस तकनीक का उपयोग कर उत्तरप्रदेश और तेलंगाना में सड़क बनाई जा चुकी हैं। इस तरह की सड़क बनाने में सामान्य सड़क के मुकाबले आधी लागत आती है।
24.30 किमी
सड़क पर खर्च हुए 30 करोड़
सीहोर-श्यामपुर के बीच बनाई जा
रही 24.30 किमी लंबी इस सड़क को बनाने में 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसे फुल डेप्थ
रिक्लेमेशन यानि एफडीआर तकनीक से बनाया गया। यह सड़क इस तकनीक से बनी वाली प्रदेश की
पहली सड़क थी जो अब पूरी तरह उखड़ चुकी है। यह तकनीक टिकाऊ, मजबूत, किफायती, पर्यावरण
अनुकूल है। इसके मेंटेनेंस की लागत भी कम है। इसमें पुरानी सड़क के सम्पूर्ण क्रस्ट
का दोबारा इस्तेमाल हो जाता है। स्टोन एग्रीगेट की जरूरत नहीं पड़ती है। इस तकनीक से
सड़क का निर्माण भी बहुत तेजी से होता है।
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