उज्जैन। उज्जैन में शिप्रा नदी में गंदा पानी मिलने के मामले में आज स्मार्ट सिटी के कार्यपालन यंत्री मनीष जैन को तत्काल पद से हटा दिया गया है। उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के निर्देशानुसार निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी के कार्यकारी निर्देश रोशन कुमार सिंह ने यह कार्रवाई की है।

शिप्रा नदी के लिए अब अलग बोर्ड बनाने की मांग उठने जा रही है। ये मांग महापौर मुकेश टटवाल की ओर से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से की जाएगी। इसके लिए वे बकायदा एक-दो दिन में एक पत्र भेजेंगे। महापौर का कहना है कि सिंहस्थ भूमि में प्रवाहित शिप्रा का जल स्वच्छ और शुद्ध रखने के लिए सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए पहले से संभागायुक्त की अध्यक्षता में एक न्यास गठित है मगर न्यास का काम नजर नहीं आता।

न्यास के नाम से महाकालेश्वर मंदिर सहित विभिन्न पर्यटन स्थलों पर दान प्राप्त करने को दान पेटी जरूर नजर आती है। शिप्रा के लिए बेहतर काम हो, इसके लिए अगल से बोर्ड बनाने का विचार मन में आया है। देख रहा हूं कि शिप्रा नदी के लिए नगर निगम, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण सब अलग-अलग स्तर पर काम करते हैं मगर समस्या उत्पन्न होने पर ठिकरा नगर निगम के जिम्मे आ जाता है।

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